Breaking
छतरपुर में लोकायुक्त टीम ने सहकारिता निरीक्षक को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा... कमलनाथ के घर छापेमारी पर भड़के जीतू पटवारी, बोले- इस कायराना हरकत के लिए मोहन सरकार को जनता सबक सिखा... इंदौर कलेक्ट्रेट में लोकायुक्त ने की कार्रवाई, रिश्वत लेते हुए दो कर्मचारियों को किया गिरफ्तार... इंदौर में नि:शुल्क हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन, बिना दवाई के कैसे रहें स्वस्थ, जानिए क्या है कॉस्मिक ह... इंदौर में 21 किलो गांजे के साथ 3 गिरफ्तार, वाहन चेकिंग के दौरान एक्टिवा से किया बरामद प्यार में धोखा मिला तो BA.LLB की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, ब्यायफ्रेंड के सामने ग्वालियर किले से क... युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बढ़ी मुश्किलें, आचार संहिता के उल्लंघन में FIR राजा-महाराजा आज भरेंगे नामाकंन, लाव लश्कर के साथ जाएंगे सिंधिया, दिग्विजय सिंह ने दिखाई सादगी चैत्र नवरात्रि में घर घर बह रही भक्ति की बयार, 18 भुजाओं वाली महाकाली की प्रतिमा के करें दर्शन भाजपा प्रत्याशी सिंधिया आज जमा करेंगे नामांकन पत्र, टेकरी सरकार मंदिर में हनुमान का लिया आशीर्वाद

गांधी हॉल को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे जनता विरोध करेगी तो मैं भी साथ दूंगी -ताई

इंदौर। गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपने के नगर निगम के फैसले को लेकर आमजन में आक्रोश है। पूर्व लोकसभा स्पीकर और आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन भी निगम के इस फैसले के विरोध में उतर आई हैं। उनका कहना है कि 119 वर्ष पुरानी इस विरासत को नगर निगम को खुद सहेजना चाहिए। इस तरह ऐतिहासिक महत्व की इमारत को निजी हाथों में सौंपना किसी हाल में स्वीकार्य नहीं है। नगर निगम को लगता है कि उसके लिए गांधी हाल का रखरखाव करना संभव नहीं है तो वह इसकी जिम्मेदारी किसी सामाजिक संस्था को सौंप सकता है, लेकिन इस तरह निजी हाथों में सौंपना गलत है।

नईदुनिया से चर्चा में ताई ने कहा कि यह हमारी धरोहर है। ये ऐसे ही किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं सौंपा जा सकता है। स्मार्ट सिटी के नाम पर क्या पूरी सिटी ही किसी को दे दोगे। नगर निगम को पार्षदों की कमेटी बनाकर इसके संचालन की जिम्मेदारी देनी चाहिए। जनता निजीकरण का विरोध करेगी तो मैं उनके साथ हूं। यह धरोहर जनता की है। ये ज्यादा से ज्यादा लोगों के उपयोग में कैसे आ सकती है, उसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए। हम हमारी धरोहर को बाहरी लोगों के हाथों में नहीं जाने दे सकते हैं।

गांधी हाल को निजी कंपनी को लीज पर देना बिलकुल ठीक नहीं है। नगर निगम को इसका रखरखाव खुद करना चाहिए। गांधी हाल छोटी संस्थाओं के लिए बहुत उपयोगी है। गांधी हाल को निजी हाथों में देना शहर की जनता के साथ ठगी जैसा होगा। निगम को इस बारे में पुनर्विचार करे।

-सुधीर दांडेकर, अध्यक्ष, मराठी सोशल ग्रुप इंदौर

नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह गांधी हाल का रखरखाव करे, इसका प्रबंधन करे। निगम गांधी हाल को निजी हाथों में नहीं सौंप सकता। गांधी हाल बचाने के लिए अगर सड़क पर भी उतरना पड़ा तो उतरेंगे। हाई कोर्ट में याचिका दायर करके न्याय की गुहार लगाएंगे।

-किशोर कोडवानी, सामाजिक कार्यकर्ता

गांधी हाल ऐतिहासिक इमारत है। इस तरह से अगर हम हमारी विरासतों को निजी हाथों में सौंपने लगे तो हमारे पास क्या रहेगा। आने वाली पीढ़ी को हम क्या देकर जाएंगे। निगम के फैसले का पुरजोर विरोध होना चाहिए। जब तक निगम इसे वापस नहीं लेता हम विरोध करेंगे।

-एडवोकेट सूरज शर्मा, अध्यक्ष, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन

नगर निगम के पास कमाई के दूसरे भी रास्ते हैं। इसके लिए ऐतिहासिक महत्व की इमारत को लीज पर देना जरूरी नहीं। नगर निगम के पास अपनी आय बढ़ाने के दूसरे भी रास्ते हैं। उन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, लेकिन गांधी हाल निजी हाथों में नहीं जाने देंगे।

-एडवोकेट गोपाल कचोलिया, अध्यक्ष इंदौर अभिभाषक संघ

नागरिकों के विरोध के बाद रुका था राजवाड़ा का निजीकरण

70 के दशक में राजवाड़ा के निजीकरण का भी प्रयास हो चुका है। हालांकि आमजन के आक्रोश के चलते फैसला वापस लेना पड़ा था। राजवाड़े के निजीकरण की खबर समाचार पत्र में प्रकाशित होते ही लोग सड़कों पर उतर आए थे। उनका कहना था कि राजवाड़ा ऐतिहासिक महत्व की इमारत है। किसी भी कीमत पर उसका निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। जनता के आक्रोश का असर यह हुआ कि राजवाड़ा के निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त करना पड़ा।

ऐतिहासिक इमारत है गांधी हाल

गांधी हाल ऐतिहासिक इमारत है। इसे टाउन हाल या घंटाघर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण वर्ष 1904 में करीब ढाई लाख रुपये की लागत से हुआ था। उस वक्त इसका नाम किंग एडवर्ड हाल था। इसका उद्घाटन नवंबर वर्ष 1905 में प्रिंस आफ वेल्स जार्ज पंचम के भारत आगमन पर हुआ था। स्वतंत्रता के बाद इस इमारत का नाम गांधी हाल कर दिया गया। भवन के ऊपर राजपुताना शैली के घटक गुंबद और मीनारें हैं। इमारत सफेद सिवनी और पाटन के पत्थरों से इंडो-गोथिक शैली में बनी है। आंतरिक सजावट प्लास्टर आफ पेरिस से की गई है। फर्श काले और सफेद संगमरमर का है। बीच की मीनार आयताकार है। इसके ऊपरी भाग में चारों ओर एक-एक घड़ी लगी है। ये घड़ियां इतनी बड़ी हैं कि दूर से दिखाई देती हैं, और इसी कारण से इसे घंटाघर भी कहा जाता है।

यह है मामला

कुछ समय पहले ही छह करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर गांधी हाल का पुनरुद्धार किया गया है। इसके बाद आमजन गांधी हाल को नए स्वरूप में निहारने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच स्मार्ट सिटी कंपनी ने गांधी हाल को लीज पर देने के लिए निविदाएं आमंत्रित कर लीं। उज्जैन की एक कंपनी ने इसमें सर्वाधिक 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष निगम को देने का प्रस्ताव दिया है। निगम का कहना है कि गांधी हाल के रखरखाव के लिए इसे निजी हाथ में सौंपना जरूरी है, जबकि आमजन का कहना है कि साढ़े सात हजार करोड़ रुपये वार्षिक बजट वाले निगम के पास गांधी हाल जैसे ऐतिहासिक महत्व की इमारत के रखरखाव के लिए पैसा नहीं है। यह बात कुछ समझ नहीं आ रही।

छतरपुर में लोकायुक्त टीम ने सहकारिता निरीक्षक को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा…     |     कमलनाथ के घर छापेमारी पर भड़के जीतू पटवारी, बोले- इस कायराना हरकत के लिए मोहन सरकार को जनता सबक सिखाएगी     |     इंदौर कलेक्ट्रेट में लोकायुक्त ने की कार्रवाई, रिश्वत लेते हुए दो कर्मचारियों को किया गिरफ्तार…     |     इंदौर में नि:शुल्क हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन, बिना दवाई के कैसे रहें स्वस्थ, जानिए क्या है कॉस्मिक हीलिंग?     |     इंदौर में 21 किलो गांजे के साथ 3 गिरफ्तार, वाहन चेकिंग के दौरान एक्टिवा से किया बरामद     |     प्यार में धोखा मिला तो BA.LLB की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, ब्यायफ्रेंड के सामने ग्वालियर किले से कूदकर दी जान     |     युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बढ़ी मुश्किलें, आचार संहिता के उल्लंघन में FIR     |     राजा-महाराजा आज भरेंगे नामाकंन, लाव लश्कर के साथ जाएंगे सिंधिया, दिग्विजय सिंह ने दिखाई सादगी     |     चैत्र नवरात्रि में घर घर बह रही भक्ति की बयार, 18 भुजाओं वाली महाकाली की प्रतिमा के करें दर्शन     |     भाजपा प्रत्याशी सिंधिया आज जमा करेंगे नामांकन पत्र, टेकरी सरकार मंदिर में हनुमान का लिया आशीर्वाद     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें