Breaking
लगातार आ रही हैं बाधाएं और परेशानियां करें कालाष्टमी का व्रत सुलझेगी तमाम समस्याएं ऑनलाइन मिले दोस्त की पत्नी को मारने के लिए अमेरिकी महिला ने हायर किया हिटमैन गिरफ्तार पाम बेलाजियो में युवती की आठवीं मंजिल से गिरकर हुई थी मौत क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच मालवाहक वाहन ने बाइक काे टक्कर मारी महिला की मौत दो घायल आषाढ़ मास में रखें योगिनी एकादशी का व्रत पूजा के दौरान क्या करें क्या ना करें कांग्रेस का चुनावी लक्ष्य तय संभागीय सम्मेलन में निकला 75 पार का नारा अतिक्रमण से नाले संकरे सफाई भी नहीं हुई वर्षा में फिर होगा जलभराव इस रत्न को धारण करने से होता है बड़ा धन लाभ जानें धारण करने की विधि WTC Final के लिए ऑस्ट्रेलिया ने चली बड़ी चाल इस घातक गेंदबाज की टीम में जगह हुई पक्की WTC Final Day 2: दूसरे दिन लंच टाइम तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर बनाये 422 रन

सामान्य प्रशासन विभाग ने बदली व्यवस्था अब सीधे संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे ज्ञापन-शिकायत पत्र

भोपाल। चुनावी साल में मांग, समस्या और शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सुनवाई की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है।

अब सभी विभाग प्रमुख, संभागायुक्त और कलेक्टरों से कहा गया है कि विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आमजन से मिलने वाले मांग और शिकायती पत्र जीएडी को न भेजकर सीधे संबंधित विभाग को भेजें। यदि समस्या, मांग या शिकायत जिला या संभाग स्तरीय है, तो उसे उसी स्तर पर निराकृत करें, इससे समय भी बचेगा। वही ज्ञापन सीधे मंत्रालय भेजे जाएं, जो जीएडी से सीधा संबंध रखते हों।

चुनावी साल में शिकायत और मांग पत्रों की संख्या बढ़ गई है। स्थानीय स्तर पर कर्मचारी एवं सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और आमजन कलेक्टर या संभागायुक्त को शिकायत या मांग पत्र सौंप रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव के नाम होते हैं।

मैदानी स्तर पर इन्हें ध्यान से देखा भी नहीं जाता और सीधे जीएडी को भेज दिए जाते हैं। मंत्रालय में आने पर जीएडी को इनकी छंटाई करानी पड़ती है और फिर संबंधित विभागों को भेजना पड़ता है। छंटाई के दौरान ही यह भी पता चलता है कि इनमें से कई प्रकरण स्थानीय स्तर पर ही सुलझाए जा सकते थे। इसी अव्यवस्था से तंग आकर जीएडी के सचिव श्रीनिवास शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं।

शर्मा ने कहा है कि सभी आवेदन, मांग पत्रों को सीधे जीएडी भेजे जाने से उस शिकायत के निराकरण या मांग को पूरा करने में देरी होती है। अधिकार क्षेत्र के आवेदनों का स्थानीय स्तर पर निराकरण की व्यवस्था बनाने से आवेदनों पर होने वाली कार्यवाही में अनावश्यक देरी से बचा जा सकता है। बता दें कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम मिलने वाले आवेदनों को मंत्रालय भेजने का नियम है। ऐसे आवेदन विकासखंड, तहसील, जिला और संभाग मुख्यालयों पर चुनावी समय में बड़ी संख्या में आते हैं।

लगातार आ रही हैं बाधाएं और परेशानियां करें कालाष्टमी का व्रत सुलझेगी तमाम समस्याएं     |     ऑनलाइन मिले दोस्त की पत्नी को मारने के लिए अमेरिकी महिला ने हायर किया हिटमैन गिरफ्तार     |     पाम बेलाजियो में युवती की आठवीं मंजिल से गिरकर हुई थी मौत क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच     |     मालवाहक वाहन ने बाइक काे टक्कर मारी महिला की मौत दो घायल     |     आषाढ़ मास में रखें योगिनी एकादशी का व्रत पूजा के दौरान क्या करें क्या ना करें     |     कांग्रेस का चुनावी लक्ष्य तय संभागीय सम्मेलन में निकला 75 पार का नारा     |     अतिक्रमण से नाले संकरे सफाई भी नहीं हुई वर्षा में फिर होगा जलभराव     |     इस रत्न को धारण करने से होता है बड़ा धन लाभ जानें धारण करने की विधि     |     WTC Final के लिए ऑस्ट्रेलिया ने चली बड़ी चाल इस घातक गेंदबाज की टीम में जगह हुई पक्की     |     WTC Final Day 2: दूसरे दिन लंच टाइम तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर बनाये 422 रन     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 8860606201