‘हनुमान चालीसा तक ठीक, लेकिन घर का खाना नहीं मिलेगा, हर कैदी एक जैसा’- NSE प्रमुख चित्रा रामकृष्ण पर कोर्ट का सख्त रवैयानई दिल्ली: पूर्व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) प्रमुख चित्रा रामकृष्ण 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में है। बता दें कि चित्रा रामकृष्ण पर एक हिमालयी योगी के साथ निजी जानकारी साझा करना का आरोप लगा है। जिसके चलते साल 2013 से एनएसई का नेतृत्व कर रही 59 वर्षीय चित्रा रामकृष्ण को CBI ने बाजार में हेरफेर और घोटाले के चलते पूछताछ के बाद 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वहीं अब इस बीच चित्रा रामकृष्ण ने जमानत की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है जिसमें कहा गया था कि एजेंसी अब उनकी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है, लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी विदेश यात्राओं और मामले के अन्य पहलुओं पर जांच अभी भी जारी है। एजेंसी ने तर्क दिया है कि इसलिए हम चाहते हैं कि उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। वहीं इस पर अदालत ने भी जेल कस्टडी को मंजूरी दे दी है और उनके द्वारा घर के भोजन और अन्य सुविधाओं के लिए किए गए अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि हर कैदी एक जैसा होता है, वह जो रही हैं, उसकी वजह से वह VIP कैदी नहीं हो सकती। नियमों को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि, अदालत ने उन्हें एक प्रार्थना पुस्तक, हनुमान चालीसा और भगवद गीता की एक प्रति ले जाने की अनुमति दी है। बता दें कि रामकृष्णा को सीबीआई ने दिल्ली के एक स्टॉकब्रोकर के खिलाफ करीब चार साल की जांच के बाद गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के बाद हुई, जिसमें एनएसई के शीर्ष प्रबंधन द्वारा सत्ता के कथित दुरुपयोग का संकेत दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, रामकृष्णा को लगभग 20 वर्षों तक सभी व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों में एक रहस्यमय “हिमालयी योगी” द्वारा निर्देशित किया गया था।
नई दिल्ली: पूर्व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) प्रमुख चित्रा रामकृष्ण 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में है। बता दें कि चित्रा रामकृष्ण पर एक हिमालयी योगी के साथ निजी जानकारी साझा करना का आरोप लगा है। जिसके चलते साल 2013 से एनएसई का नेतृत्व कर रही 59 वर्षीय चित्रा रामकृष्ण को CBI ने बाजार में हेरफेर और घोटाले के चलते पूछताछ के बाद 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
वहीं अब इस बीच चित्रा रामकृष्ण ने जमानत की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है जिसमें कहा गया था कि एजेंसी अब उनकी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है, लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी विदेश यात्राओं और मामले के अन्य पहलुओं पर जांच अभी भी जारी है। एजेंसी ने तर्क दिया है कि इसलिए हम चाहते हैं कि उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
वहीं इस पर अदालत ने भी जेल कस्टडी को मंजूरी दे दी है और उनके द्वारा घर के भोजन और अन्य सुविधाओं के लिए किए गए अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि हर कैदी एक जैसा होता है, वह जो रही हैं, उसकी वजह से वह VIP कैदी नहीं हो सकती। नियमों को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि, अदालत ने उन्हें एक प्रार्थना पुस्तक, हनुमान चालीसा और भगवद गीता की एक प्रति ले जाने की अनुमति दी है।
बता दें कि रामकृष्णा को सीबीआई ने दिल्ली के एक स्टॉकब्रोकर के खिलाफ करीब चार साल की जांच के बाद गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के बाद हुई, जिसमें एनएसई के शीर्ष प्रबंधन द्वारा सत्ता के कथित दुरुपयोग का संकेत दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, रामकृष्णा को लगभग 20 वर्षों तक सभी व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों में एक रहस्यमय “हिमालयी योगी” द्वारा निर्देशित किया गया था।