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कपिल सिब्बल का बड़ा वार, बोले- ‘घर की नहीं सबकी कांग्रेस’ चाहिए…गांधी परिवार अब किसी और को दे मौका

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के चार दिन बाद और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सोनिया गांधी के नेतृत्व में  दोबारा भरोसा जताने के एक दिन बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि समय आ गया है कि गांधी परिवार नेतृत्व की जिम्मेदारी से अलग हो जाए और किसी दूसरे व्यक्ति को मौका दे। बता दें कि, सिब्बल G-23 कहे जाने वाले कांग्रेस पार्टी के उन 23 वरिष्ठ नेताओं में से हैं जिन्होंने साल 2020 में एक पत्र लिखकर पार्टी में आमूलचूल बदलाव की मांग की थी।

सिब्बल पहले ऐसे वरिष्ठ नेता बन गए हैं जो नए नेतृत्व को आगे आने देने के लिए गांधी परिवार से हटने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा नामित निकाय उन्हें कभी नहीं बताएगा कि उन्हें सत्ता की बागडोर नहीं संभालनी चाहिए। वहीं, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद चिंतन शिविर आयोजित करने के पार्टी के फैसले की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व को आठ साल बाद भी पार्टी के पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है तो वह किसी और ही दुनिया में में रह रहा है।

घर की नहीं सबकी कांग्रेस चाहिए
सिब्बल ने कहा कि वह न तो विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार से हैरान हैं और न ही CWC के सोनिया गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताने के फैसले से। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी के बाहर बड़ी संख्या में नेताओं का नजरिया पूरी तरह से अलग है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं दूसरों की ओर से बात नहीं कर सकता। यह विशुद्ध रूप से मेरा निजी विचार है कि आज कम से कम मुझे ‘सब की कांग्रेस’ चाहिए। कुछ अन्य ‘घर की कांग्रेस’ चाहते हैं। मैं निश्चित रूप से ‘घर की कांग्रेस’ नहीं चाहता। और मैं अपनी आखिरी सांस तक ‘सब की कांग्रेस’ के लिए लड़ूंगा। इस ‘सब की कांग्रेस’ का मतलब सिर्फ एक साथ नहीं होना है, बल्कि भारत में उन सभी लोगों को एक साथ लाना है जो भाजपा नहीं चाहते हैं।

राहुल को कमान सौंपने पर यह बोले सिब्बल
वहीं, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर वापसी की मांगों पर सिब्बल ने कहा कि अब हम मान रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं और सोनिया गांधी हैं। राहुल गांधी पंजाब गए और घोषणा की कि चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने ऐसा किस हैसियत से किया? वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वे सभी निर्णय लेते हैं। वह पहले से ही वास्तविक अध्यक्ष हैं। तो वे उनसे क्यों कह रहे हैं कि उन्हें सत्ता की बागडोर वापस लेनी चाहिए? इसलिए कि वे चाहते हैं कि वास्तविक अध्यक्ष कानूनी रूप से अध्यक्ष बने लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह वास्तविक अध्यक्ष हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अब तक ‘चिंतन’ सब हो जाना चाहिए था… और उन्हें किसी और को नेतृत्व करने देना चाहिए। किसी और को मौका दो। उदाहरण के लिए, सुनील गावस्कर को एक दिन रिटायर होना पड़ा। सचिन तेंदुलकर को एक दिन संन्यास लेना पड़ा। कल तक विराट कोहली टीम के कप्तान थे। तीनों के नाम दुनिया के क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखे जाएंगे। उन्हें भी संन्यास लेना पड़ा। उन्हें भी हटना पड़ा।

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