चंडीगढ़: दूसरी शादी या शादी के बाद ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप में रहने वालों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन की मांग करने से पहले अब अपने नाबालिग बच्चों की देखभाल और उनकी जायदाद के साथ अपनी इनकम की जानकारी भी देनी पड़ेगी। यदि यह जानकरी हाईकोर्ट को नहीं दी गई तो सुरक्षा की मांग संबंधी पटीशनों पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की प्रशासनिक शाखा ही ऐतराज दर्ज करेगी। इस संबंधी प्रोटेक्शन की मांग करने वालों की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकेगी।
हाईकोर्ट की तरफ से एक नोटिस जारी करके जानकारी दी गई है कि कोर्ट में सुरक्षा के लिए पटीशन दायर करने वालों को अहम जानकारी देनी पड़ेगी। ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप में रहने वालों या पहले शादी कर चुके कपल्स यदि सुरक्षा की मांग करते हैं तो उन्हें अपनी पहली शादी से हुए नाबालिग बच्चों की मौजूदा स्थिति बतानी होगी। बताना होगा कि बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा और देखभाल कैसे होगी। जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान ने इस संबंधी एक फैसले में कहा कि अदालतें डाक विभाग नहीं हैं, जो सुरक्षा संबंधी याचिकाकर्ताओं को पुलिस के पास कार्यवाही के लिए भेजे।