Breaking
मध्य प्रदेश में छह सीटों पर उत्साह के बीच तीन बजे तक 53.40 प्रतिशत मतदान नीलगंगा चौराहे पर दो भाइयों ने मिलकर युवक की चाकू मारकर हत्या की मप्र हाई कोर्ट ने तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने पर लगाया 10 हजार जुर्माना, दी सख्त हिदायत श्रम न्यायालय के आदेशानुसार शेष राशि का भुगतान ब्याज सहित करें, हाई कोर्ट ने दी 45 दिन की मोहलत पांच महीने में 21 लाख रुपये बढ़ी शिवराज स‍िंंह चौहान की संपत्ति इंदौर से चार रूट पर चलाई चार समर स्पेशल ट्रेन, फिर भी लंबी वेटिंग पद्मश्री जोधइया बाई बैगा नहीं डाल सकीं वोट, उमरिया में उनके घर पर भी नहीं पहुंचा मतदान दल राहुल गांधी 21 अप्रैल को सतना में करेंगे प्रचार, आसपास की दूसरी सीटों को भी साधने को कोशिश मादा चीता वीरा को मुरैना से रेस्क्यू कर वापस लाया गया कूनो नेशनल पार्क पहले चरण के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस कंट्रोल रूम से हर बूथ पर रखी नजर

रायगढ़ के लैलूंगा में हाथी के जन्मोत्सव में शामिल हुए छह गांव के लोग

रायगढ़। रायगढ़ जिले की लैलूंगा तहसील अंतर्गत वनग्राम मुकडेगा के आदिवासी ग्रामीण प्रकृति से तालमेल बैठाने की अपनी पारंपरिक शैली का पालन करते हुए हाथी के बच्चे का जन्मोत्सव मनाया। वनग्राम मुकडेगा में बीते दिनों पूरे विधि-विधान से सैकड़ों ग्रामीण और वन विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति में हाथी बच्चे का जन्मोत्सव(छठी) का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में ग्राम मुकडेगा के अलावा ग्राम सोनाजोरी, करवाजोर, मुहड़ापानी और बेसकीमुड़ा के ग्रामीण भी शामल हुए। अंचल में बीते एक महीने से करीब 40 हाथियों का एक दल सक्रिय है। हाथियों की सक्रियता से ग्रामीणों का काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। इस दल ने आधा दर्जन वन ग्रामों में करीब 40 से अधिक घरों में न केवल तोड़फोड़ की है, बल्कि खेतों में फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है।

इसके बावजूद इन गांवों के रहने वाले आदिवासी ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी मिली कि इस हाथी दल की एक सदस्य वयस्क हथिनी ने एक बच्चे को जन्म दिया है तो गांवों के बुजुर्गों की सलाह पर अपनी परंपरा के अनुसार घने जंगल मे जहां बच्चा का जन्म हुआ था, वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीण पूरी तैयारी के साथ पहुंचे। दिनभर चले इस कार्यक्रम में यहां उपस्थित होने वाले लोगों में गांव के धोबी, नाई, बैगा पुजारी के अलावा राउत समाज के हाथी गोत्र के व्यक्ति और पंडित भी शामिल हुए

वहीं ग्रामीणों के विशेष निमंत्रण पर वन विभाग के कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां सभी ने मिलकर पूरे उत्साह से बच्चे का जन्मोत्सव मनाया। इसमें पहले आदिवासी परंपरा के अनुसार पूरे विधि-विधान से प्रकृति पूजा की गई फिर वन भोज का आयोजन किया गया। ग्रामीणों का मानना है कि जंगल में वन ग्राम के नजदीक अगर किसी हथिनी के द्वारा बच्चे को जन्म दिया जाता है तो उससे आसपास के गांवों में समृद्धि आती है। चूंकि आदिवासी ग्रामीण प्रकृति प्रेमी और प्राचीन परंपराओं का पालन करने वाले होते हैं।

अत: सबने मिलकर बच्चे का जन्मोत्सव मनाने का निर्णय लिया। वहीं इस जन्मोत्सव की खबर जब जिला मुख्यालय रायगढ़ तक पहुंची तो यहां के पर्यावरण प्रेमियों-विदों ने न केवल आयोजक मंडल की प्रशंसा की बल्कि शहर वासियों को उनसे प्रकृति संरक्षण की सीख की भी सलाह दी।

मध्य प्रदेश में छह सीटों पर उत्साह के बीच तीन बजे तक 53.40 प्रतिशत मतदान     |     नीलगंगा चौराहे पर दो भाइयों ने मिलकर युवक की चाकू मारकर हत्या की     |     मप्र हाई कोर्ट ने तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने पर लगाया 10 हजार जुर्माना, दी सख्त हिदायत     |     श्रम न्यायालय के आदेशानुसार शेष राशि का भुगतान ब्याज सहित करें, हाई कोर्ट ने दी 45 दिन की मोहलत     |     पांच महीने में 21 लाख रुपये बढ़ी शिवराज स‍िंंह चौहान की संपत्ति     |     इंदौर से चार रूट पर चलाई चार समर स्पेशल ट्रेन, फिर भी लंबी वेटिंग     |     पद्मश्री जोधइया बाई बैगा नहीं डाल सकीं वोट, उमरिया में उनके घर पर भी नहीं पहुंचा मतदान दल     |     राहुल गांधी 21 अप्रैल को सतना में करेंगे प्रचार, आसपास की दूसरी सीटों को भी साधने को कोशिश     |     मादा चीता वीरा को मुरैना से रेस्क्यू कर वापस लाया गया कूनो नेशनल पार्क     |     पहले चरण के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस कंट्रोल रूम से हर बूथ पर रखी नजर     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें