मां पीताम्बरा का चमत्कारी पीला मंदिर जहां दर्शन से होता है शत्रु नाश

हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में शामिल देवी बगलामुखी की जयंती इस वर्ष 5 मई, सोमवार को मनाई जा रही है, वैशाख शुक्ल अष्टमी को मां बगलामुखी का प्राक्टय दिवस आता है. देवी बगलामुखी यानि मां ‘पीताम्बरा’ की पूजा में पीले रंग का खास महत्व है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को विजय प्राप्त के लिए मां बगलामुखी की साधना करने को कहा था.आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहें हैं उसकी स्थापना पांडवों ने ही की थी….चलिए जानते हैं कौन सा वो चमत्कारी मंदिर जहां शत्रु नाश का वरदान मिलता है.
मंत्र ही नहीं तंत्र साधना के लिए भी प्रसिद्ध है ये मंदिर
बगलामुखी मंदिर, बनखंडी भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है.यह हिंदू धर्म की देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं.उनका संबंध पीले रंग से है इसलिए उन्हें पीतांबरा भी कहा जाता है.वह स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान हैं, जिसके खंभे विभिन्न रत्नों से सजे हैं और उनकी तीन आंखें हैं, जो इस बात का प्रतीक हैं कि वह भक्त को परम ज्ञान प्रदान कर सकती हैं.
आज हम बात कर रहे हैं भक्ति ही नहीं तंत्र शक्ति का भी केन्द्र माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश के मां बगलामुखी मंदिर की.हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बनखंडी में बसा ये मंदिर यह मंदिर माता बगलामुखी के दस महाविद्याओं में से आठवें स्वरूप को समर्पित है, उसे मां पीताम्बरा पीठ भी कहा जाता है और इसे पांडवों से जुड़ा माना जाता है. ये मंदिर अपनी मान्यताओं के चलते बेहद खास है.कहा जाता है कि हिमाचल के इस मंदिर की स्थाबपना पांडवों ने की थी, ये मंदिर महाभारत काल का माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि महान धनुर्धर अर्जुन ने सबसे पहले इसी स्थान पर माता बगलामुखी की पूजा की थी.
मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य
मां बगलामुखी के मंदिरों से कई रहस्य भी जुड़े बताये जाते हैं, जैसे कि मान्यता है कि मां बगलामुखी स्वयंभू प्रकट हुई थीं. ये मंदिर स्वयंभू हैं,इसी वजह से इनकी मूर्तियां जीवंत लगती हैं. इन मंदिरों की स्थापना का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता लेकिन कहा ये जाता है कि इनकी स्थापना पांडवों ने की थी. पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मां बगलामुखी का मंदिर बनवाया था और विपत्ति में पांडवों को भगवान श्री कृष्ण ने मां बगलामुखी की पूजा करने के लिए कहा था
मां बगलामुखी की साधना से शत्रुओं पर विजय मिलती है
मान्यता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है.यहां आने वालों को न्यायिक विवादों में भी जीत मिलती है.
साथ ही सभी तरह की प्रतियोगिताओं में भी सफलता मिलती है.
मनोकामनाएं पूरी करती हैं माता
भक्तों का विश्वास है कि मां बगलामुखी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें शक्ति और विजय प्रदान करती हैं. यही वजह है कि नेता से लेकर अभिनेता तक यहां माथा टेकते हैं वहीं तंत्र साधकों की ये तपोभूमि है.
पीले रंग का है ये खास चमत्कारी मंदिर
बगलामुखी मंदिर में पीले रंग की पूजा सामग्री का विशेष महत्व है. मां बगलामुखी को पीला रंग खास भाता है पसंद है. यहीं कारण है मंदिर पीले रंग में रंगा है. मंदिर में पीले ध्वज लहराते हैं.भक्त भी पीले रंग के वस्त्रों में होते हैं.भोग भी पीले भोजन का ही लगाया जाता है.
यहां किया हवन नहीं होता विफल
मान्यता है कि यहां किया हवन कभी विफल नहीं होता.यहां एक बड़ा हवन कुंड है जहां सालोंभर हवन चलता रहता है. मंदिर में एक पवित्र अग्नि कुंड है, जहाँ ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने समय में स्वयं हवन किया था.यह मंदिर के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि देवी माँ बगलामुखी ने इसी अनुष्ठान के माध्यम से भगवान राम को दिव्य आशीर्वाद और शक्तिशाली ब्रह्मास्त्र प्रदान किया था.