गोल्ड और सिल्वर पर खतरा! चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर, टैरिफ और तनाव से क्या गिरावट की ओर जाएगा सोने-चांदी का बाजार?

करीब 3 हफ्तों में देश के वायदा बाजार में गोल्ड की कीमतों में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतों का भी काफी बुरा हाल है. जिस तरह से सोने और चांदी के दाम दिवाली के माहौल मतें पहुंचे थे. ऐसा लग रहा था कि साल खत्म होने तक दोनों ही कीमती मेटल एक अलग लेवल पर पर आ जाएंगे. लेकिन जिस तरह से चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर शांत हुआ और दोनों के बीच ट्रेड डील को लेकर बात आगे बढ़ी, वैसे-वैसे सोने और चांदी जैसे सेफ हैवन की डिमांड कम होती गई. जानकारों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. उसका कारण भी है.
नवंबर के मिड या फिर लास्ट वीक में चीन और अमेरिका के बाद भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील हो सकती है. दोनों देशों के बीच ट्रेड डील होने के बाद भारत और चीन के दबाव के बीच रूस को भी यूक्रेन के साथ युद्धविराम की स्थिति में आना पड़ सकता है. जिसकी वजह से सोने और चांदी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. वहीं अमेरिकी सेंट्रल बैंक पहले ही इस बात के संकेत दे चुका है कि दिसंबर की पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों को होल्ड पर रखा जा सकता है. ऐसे में सोने और चांदी की कीमतों को और भी झटका लगेगा.
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों, व्यापार शुल्क को लेकर जारी अनिश्चितताओं और चीन के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से पहले आने वाले सप्ताह में सोने की कीमतों में करेक्शन जारी रहने की उम्मीद है. विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया कि कारोबारी मॉनेटरी पॉलिसी पर स्पष्टता के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर भी कड़ी नजर रखेंगे. इससे निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों की दिशा तय होने की संभावना है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस मामले में जानकारों का क्या कहना है?
इन पर रहेंगी नजरें
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के ईबीजी – कमोडिटी एवं करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा कि सोने की कीमतों में स्वस्थ गिरावट या और सुधार की उम्मीद है, क्योंकि सभी का ध्यान महंगाई के आंकड़ों, शुल्क पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, फेड अधिकारियों के भाषणों और चीनी आंकड़ों पर रहेगा. उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें इस सप्ताह थोड़ी कम हुई, लेकिन यह धातु मोटे तौर पर एक सीमित दायरे में ही रही. मजबूत डॉलर और सुस्त भौतिक मांग के कारण इसकी बढ़त सीमित रही. खुदरा खरीदार कीमतों में और गिरावट की आशंका में बाजार से दूर हैं.
इनसे कीमतें रह सकती है प्रभावित
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले सप्ताह 165 रुपये या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ शुक्रवार को 1,21,067 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. एंजल वन के डीवीपी (शोध, गैर-कृषि जिंस एवं मुद्रा) प्रथमेश माल्या ने कहा कि इस दौरान एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव 1,17,000-1,22,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहा. अमेरिकी श्रम बाजार की कमजोर रिपोर्ट, सुरक्षित निवेश की मांग, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और केंद्रीय बैंक की खरीदारी से निकट भविष्य में सोने की कीमत प्रभावित हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि सोना 1979 के बाद से अपनी वार्षिक वृद्धि की राह पर है, और अगर मौजूदा बुनियादी कारक प्रभावी रहे तो जल्द ही सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है.
कितनी आ चुकी है सोने में गिरावट?
खास बात तो ये है कि देश के वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. 17 अक्टूबर को सोने और चांदी के दाम अपने पीक पर थे. एमसीएक्स के आंकड़ों को देखें तो 17 अक्टूबर को सोने के दाम 1,32,294 रुपए के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गई थीं. जोकि 7 नवंबर को दाम 1,21,067 रुपए पर आकर बंद हुए. इसका मतलब है कि सोने की कीमतों में तब से अब तक 11,227 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वैसे शुक्रवार को सोने की कीमतें वायदा बाजार में 165 रुपए क गिरावट के साथ बंद हुए थे.






