जल संरक्षण में मध्य प्रदेश को 2 अवॉर्ड, जल स्त्रोत जिंदा कर खंडवा की कावेश्वर ग्राम पंचायत बनी बेस्ट

खंडवा: जल संरक्षण में खंडवा और खरगोन जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा हुई है, जिसमें जिले की कावेश्वर ग्राम पंचायत और खरगोन जिले के पूर्वी क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार मिला है. पुराने जल स्त्रोत को जिंदा करने और बारिश के जल को संजोय रखने में यह सम्मान प्राप्त हुआ है. 18 नवंबर को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु अवॉर्ड सौंपेंगी. सीएम मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर जिलों को बधाई दी है.
सीएम मोहन यादव ने दी बधाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने X हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, ”6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार के अंतर्गत पश्चिम क्षेत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ जिला श्रेणी में जिला खरगोन को प्रथम पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में जिला खंडवा की कावेश्वर पंचायत (संयुक्त विजेता) को द्वितीय पुरस्कार की घोषणा अभिनंदनीय है. इस उपलब्धि के लिए स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को हार्दिक बधाई.”
पुराने जल स्त्रोत जिंदा किए
खंडवा जिले की ग्राम पंचायत कावेश्वर में बारिश के पहले जल संरक्षण के लिए प्रयास किये गए. पहाड़ी क्षेत्र और खाली पड़ी जमीन पर 50 हेक्टेयर में कंटूर, 55 गली प्लग, 50 छोटे तालाब खोदे गए. इसके साथ ही गांव में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को मजबूत किया गया. पंचायत भवन, स्कूल भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया. बंद पड़े हैंडपंप और बोरवेल को रिचार्ज किये और साथ में रिचार्ज सॉफ्ट बनाए. जिससे पहली ही बारिश में गांव में भरपूर पानी हो गया.
मुख्यालय से 27 किमी दूरी पर गांव
जिला मुख्यालय से कावेश्वर की दूरी 27 किमी है. यहां के अधिकांश लोग खेती करते हैं. करीब 90 प्रतिशत लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है. इसी पर इनका जीवन निर्भर है. कावेरी नदी के उदगम स्थल पर गांव होने से जल संरक्षण में पंचायत और बेहतर कार्य कर पाई.
राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा पुरस्कार
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को पुरस्कार प्रदान करेंगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुरस्कृत जिलों को बधाई दी है. जल संचय-जन भागीदारी पहल में भी वेस्टर्न-जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ को मिला. श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना जिले को प्रथम रैंक मिला. जिलों में श्रेणी तीन में गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन का चयन हुआ है.
कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए
वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार का शुभारंभ 23 अक्टूबर को गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर किया गया था. कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनकी समीक्षा और मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया. चयनित आवेदनों का परीक्षण केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा किया गया. अंतिम रिपोर्टों के आधार पर वर्ष 2024 के 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए कुल 46 विजेताओं का चयन किया गया.
जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार
‘कैच द रेन’ के अंतर्गत साउथ जोन की श्रेणी एक में पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ जिले को तथा श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना को मिलेगा. जिलों में श्रेणी तीन में दूसरी रैंक में गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगौन का चयन हुआ है. इस पहल के अंतर्गत राज्यों को पांच जोन में बांटा गया है. जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण एवं संचयन संरचनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.
पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के जिलों के लिए यह लक्ष्य 3,000 संरचनाएं हैं. जबकि देशभर के नगर निगमों के लिए यह संख्या 10,000 निर्धारित की गई है. इन संरचनाओं में वर्षा जल संचयन (रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग) के अलावा झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन भी शामिल है.
जिला पंचायत के सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने बताया कि, ”इस कार्यक्रम में खंडवा जिले को जल संचय जन भागीदारी अभियान में देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भी पुरस्कृत किया जाएगा. जिले की कावेश्वर पंचायत को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार मिला है.”






