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विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट में गूंजा सेना का शौर्यगान, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन और लेजर शो ने मोहा मन

विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट का शानदार समापन समारोह हुआ। इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। इस मौके पर देश में निर्मित 1,000 ड्रोन शनिवार को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में दर्शकों को रोमांचित करते नजर आए। चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो का आयोजन करने वाला चौथा देश बन गया।

बीटिंग द रिट्रीट समारोह के समापन के लिए टुकड़ियों के कमांडर ने राष्‍ट्रपति से मंजूरी मांगी जिसके साथ ही बलों ने अपने कैंपों में वापसी परेड शुरू की। बैंड ने वापसी परेड में ‘सारे जहां से अच्‍छा’ की धुन बजाई जिसने सभी को अभीभूत कर दिया।बीटिंग द रिट्रीट के मौके पर सेनाओं के बैंड ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन बजाई जिसने सभी को मंत्रमुग्‍ध कर दिया। समारोह में मौजूद राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तालियों से इसका स्‍वागत किया।

हर साल 29 जनवरी को राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के समारोह का समापन होता है।बीटिंग रिट्रीट की परंपरा काफी पुरानी है। यह समारोह सेना की वापसी का प्रतीक है। इस दौरान राष्ट्रपति सेनाओं को अपनी बैरकों में लौटने की इजाजत देते हैं।

बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी को सेनाओं के अपने बैरक में लौटने का प्रतीक माना जाता है। जब सेनाएं युद्ध समाप्त करके लौटती थी तो अपने अस्त्र-शस्त्र उतार कर रखती थीं। आम तौर पर सूर्यास्त के समय ही सेनाएं अपने शिविर में लौटती थीं। इस दौरान झण्डे नीचे उतारते जाते थे।

यह समारोह बीते दौर की एक झलक होती है। यह एक ऐसी परंपरा का हिस्‍सा है जिसमें सेनाओं की वापसी पर उनका बैंड धुनों से जोरदार स्‍वागत किया जाता है। पाइप और ड्रम बैंड, सीएपीएफ, वायुसेना, नौसेना और सेना के बैंड अपनी शानदार प्रस्‍तुतियां देते हैं।

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