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मरने के बाद भी परेशानी का सबब बना बुरहान वानी, घाटी में मंडराया खतरा

जम्मू: तीन साल पहले सुरक्षाबलों के हाथों मुठभेड़ में मारा गया खूंखार आतंकी बुरहान वानी अभी भी सरकार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। आज जम्मी कश्मीर में अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया है। 8 जुलाई को बुरहान वानी की तीसरी बरसी है। इस मौके पर आतंकी संगठन कश्मीर में किसी बड़े आतंकी हमले की योजना बन रहे हैं। खुफिया विभाग ने इनपुट दिया है कि आतंकी संगठन पुलवामा में एक बार फिर से बड़ी वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं। कश्मीर को अशांत करने के लिए सीमापार नए सिरे से प्लानिंग की गई है।

इस प्लानिंग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ कराए गए हैं। बताया जा रहा है कि 6-8 आतंकी कश्मीर में घुसपैठ कर चुके हैं। खुफिया सूत्र बताते हैं कि पाक आतंकी नैशनल हाइवे पर आई.ई.डी या स्नाइपर गन से सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं। सुरक्षाबलों ने इस बात का पता लगाया है कि 06-08 पाक आतंकी हमले की योजना बना रहे हैं। आतंकियों के इस समूह में स्नाइपर एक्सपर्ट भी शामिल हैं। साथ ही कश्मीर में रहने के लिए इन आतंकियों ने अपने नाम भी बदल लिए हैं।

सूत्रों का कहना है कि भारत में दाखिल हुए इन आतंकियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह 8 जुलाई को या उसके आसपास की तारीख को बड़ी वारदात को अंजाम दें ताकि कश्मीर में आतंक की आग को दोबारा भड़काया जा सके। आतंकी हमेशा चाहते हैं कि बुरहान वानी को युवाओं के बीच जिंदा रखने के लिए 8 जुलाई के आसपास बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। खबरों की मानें तो खूफिया एजेंसी से हमले जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबल भी चौकन्ने हो गए हैं और हमले से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

 बता दें कि 8 जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने एक लंबी मुठभेड़ के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था। इस कमांडर पर 10 लाख रुपए का ईनाम था। 22 साल का बुरहान मरने के बाद कश्मीरी आतंकवाद का नया चेहरा बन गया। उसकी मौत को सुरक्षाबल बड़ी कामयाबी मान रहे थे परंतु उसकी मौत के बाद कई दिनों तक कश्मीर घाटी में हालात खारब रहे थे।

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