नई दिल्ली | स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. राकेश यादव बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद पोस्ट कोविड का असर काफी गंभीर हुआ है। एम्स में अभी भी वे मरीज उपचार कराने आ रहे हैं जिन्हें पिछले साल डेल्टा वेरिएंट की वजह से कोविड हुआ था और उस दौरान उन्हें आईसीयू तक में रखना पड़ा था।
कोरोना संक्रमण की वजह से आईसीयू, वेंटिलेटर या फिर ऑक्सीजन थैरेपी लेने के बाद ठीक हुए लोगों का जीवन कई चुनौतियों से घिरा हुआ है। रिकवर होने के चलते घर आने के बाद भी इन्हें शारीरिक तौर पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।