Breaking
20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था? Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक... अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द ‘हम नहीं देंगे टोल’… पर्ची दी तो पिस्टल दिखाई, कहा- जान से मार दूंगा- Video जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस पर मेकर्स ने खेला 725 करोड़ का दांव, अब प्रभास की ये बड़ी फिल्म मिल गई! थप्पड़, लात-घूंसे…हार्दिक पंड्या का नाम लिया और LIVE मैच में हो गया बड़ा बवाल

 मुंबई में खसरे का कहर, अब तक 8 बच्चों की मौत, 184 मामले आए सामने

मुंबई में खसरे के प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। यहां खसरा बीमारी नियंत्रण से बाहर हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अब तक मुंबई में 184 मामलों की पुष्टि की गई है तो वहीं आठ बच्चों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में इस साल खसरे के मामलों में कई गुना वृद्धि देखी गई है,

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल खसरे के कारण होनी वाली मौतों में भी उछाल आया है। मुंबई में 2019 में खसरे से तीन मौतें दर्ज की गई थीं। 2020 में भी तीन मौतें हुई थीं, हीं, 2021 में एक-एक मौत की सूचना मिली थी। जबकि, इस साल अब तक आठ बच्चों की मौत हो चुकी है।

अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ मुंबई ही नहीं, बाहर भी खरसे का प्रकोप बढ़ रहा है। 17 नवंबर तक पूरे राज्य में इस बीमारी के 503 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें ठाणे जिले के भिवंडी सात मामलों और नासिक के मालेगांव में पांच मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में पूरे राज्य में 153, 2020 में 193 और 2021 में 92 मामले सामने आए थे।

क्या हैं लक्षण
बीएमसी की पूर्व में जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि खसरे में बच्चे को बुखार, सर्दी, खांसी और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। इस बीमारी से जटिलताएं उन बच्चों में गंभीर हो सकती हैं जिन्हें आंशिक रूप से टीका लगाया गया है या जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि खसरे के मामलों में अचानक से हुए इजाफे के प्रमुख कारणों में खराब जीवन यापन का तरीका, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, खराब पोषण, निम्न प्रतिरक्षा और टीकाकरण की कमी है।

20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर     |     कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था?     |     Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड     |     अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते     |     राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया     |     ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती     |     ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द     |     ‘हम नहीं देंगे टोल’… पर्ची दी तो पिस्टल दिखाई, कहा- जान से मार दूंगा- Video     |     जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस पर मेकर्स ने खेला 725 करोड़ का दांव, अब प्रभास की ये बड़ी फिल्म मिल गई!     |     थप्पड़, लात-घूंसे…हार्दिक पंड्या का नाम लिया और LIVE मैच में हो गया बड़ा बवाल     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें