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असम की बेस्ट टी ‘गोल्डन पर्ल’चाय बनी भारत की सबसे महंगी चाय

असम के गुवाहाटी में सोमवार को टी ऑक्शन सेंटर में गोल्डन पर्ल चाय पत्ती की रिकॉर्ड बोली लगी। असम के डिब्रूगढ़ की इस स्पेशल चाय पत्ती के एक किलोग्राम पैक के लिए असम टी ट्रेडर्स ने 99,999 रुपए की बोली लगाई। महज दो महीने में दूसरी बार किसी कंपनी की एक किलो चाय पत्ती को 99,999 रुपए में खरीदा गया है। इससे पहले दिसंबर, 2021 में गोल्डन बटरफ्लाई चाय पत्ती (मनोहारी गोल्ड टी) को भी इसी रेट में खरीदा गया था। 99,999 रुपए देश में किसी भी चाय की पत्ती के लिए आज तक की सबसे बड़ी बोली है।

गोल्डन पर्ल टी असम के डिब्रूगढ़ जिले के नाहोरचुकबारी कारखाने में तैयार की गई है। गुवाहाटी में हुई नीलामी में कई बड़ी चाय कंपनियों ने भाग लिया था, लेकिन गोल्डन पर्ल टी सबसे बेस्ट मानी गई और खरीदारों ने उसके लिए सबसे बड़ी बोली लगाई। गोल्डन पर्ल टी को ऑक्शन में सेल नंबर-7 और लॉट नंबर- 5001 में ऑफर किया गया था। आप सोच रहे होंगे कि इतनी महंगी बोली लगने के बाद अब गोल्डन पर्ल टी इसी कीमत पर बिका करेगी, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल यह बोली इस चाय के महज एक किलोग्राम के लिए लगाई गई थी। इसे खरीदने वाले असम टी ट्रेडर्स को असम की हाई स्पेशियल्टी टी के सबसे बड़े खरीदार के तौर पर जाना जाता है।

गोल्डन पर्ल टी बनाने वाली कंपनी 2018 में शुरू की गई थी। इसके मालिक मूल रूप से सोने के व्यापारी हैं। उनका कहना है कि यह कंपनी असम के बेहद छोटे चाय उत्पादकों को सही दाम दिलाने के लिए बनाई गई थी। हम 200 किसानों से उनकी फसल खरीद रहे हैं। पिछली चाय नीलामी की बात करें तो 14 दिसंबर 2021 को गोल्डन बटरफ्लाई टी ने भी पहली बार किसी कंपनी की चाय के 99,999 रुपए की कीमत छूने का रिकॉर्ड बनाया था, इसे मनोहारी गोल्ड टी ब्रांड नेम से बेचा जाता है। इसे बेचने वाली कंपनी ने बोली में मिली पूरी रकम असम रिलीफ फंड के लिए दान कर दी थी।

चाय पत्ती की बोली इसलिए लगाई जाती है ताकि हाई क्वालिटी चाय पत्ती सही खरीददार तक पहुंच सके। इसके लिए दुनिया भर में टी ऑक्शन सेंटर खुले हुए हैं, जहां कंपनियां अपनी बनाई चाय पत्ती के सैंपल भेजते हैं। सभी कंपनियों के सैंपल समान तापमान, मात्रा के आधार पर टेस्ट किए जाते हैं और इसके बाद सबसे अच्छी चाय घोषित की जाती है, जिसके लिए बेस प्राइस पर बोली लगती है।

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