Breaking
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में किया रोड शो, जाम में फंसे लोग खाई में गिरा बरातियों को लेकर जा रहा वाहन, आधा दर्जन से अधिक लोग घायल मुरैना के रुअर गांव में कांग्रेस प्रत्याशी के छोटे भाई पर फायरिंग ग्वालियर में दो मैरिज गार्डन में लगी भीषण आग ,मची भगदड़, शादी समारोह के दौरान AC में हुआ ब्लास्ट... मानपुर रेंज में तेंदुए का शव मिला, शिकार की आशंका, जांच में शिकारियों के बिछाए 15 फंदे मिले चुनाव ड्यूटी से लौट रहे पुलिस जवानों की बस पलटी, 21 से ज्यादा जवान हुए घायल.. कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, युवा नेता पवन कुमार यादव भाजपा में हुए शामिल विदिशा में एफएसटी और एसएसटी की टीम को चेकिंग के दौरान व्यापारियों के पास मिले सोने - चांदी के जेवर स... भिंड में महंगे दाम पर स्कूल बुक बेचने वाले पुस्तक भंडार को किया गया सील.. चुनौतियों से भरा होता है बस्तर में वोटिंग कराना और EVM को सुरक्षित लाना, सुरक्षा में एक चूक पड़ सकती...

मंत्री अमरजीत भगत ने राज्यपाल से की मुलाकात, आरक्षण विधेयकों पर हस्ताक्षर करने की मांग कर आए, आश्वासन मिला

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयकों पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव बढ़ने के आसार बन रहे हैं। विधेयक पारित होने के चार दिन बाद भी राज्यपाल ने इसपर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इस बीच खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की है। उन्होंने राज्यपाल से आरक्षण विधेयकों पर हस्ताक्षर का आग्रह किया है। हालांकि राज्यपाल ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। अमरजीत भगत का कहना है कि राज्यपाल ने एक-दो दिन में हस्ताक्षर करने का आश्वासन दिया है।विधानसभा के विशेष सत्र में दो अक्टूबर को आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाले दो संशोधन विधेयक पारित किये गये थे। विधेयक पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, विधि मंत्री मोहम्मद अकबर, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया उसी रात को राजभवन पहुंचे थे। वहां उन्होंने राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात कर विधानसभा में पारित दोनों विधेयकों की प्रतियां सौंपकर हस्ताक्षर का आग्रह किया। उस समय राज्यपाल ने नियमानुसार कार्यवाही की बात कही थी। अगले दिन मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने सोमवार तक हस्ताक्षर कर देने की बात कही थी। सोमवार को दिन भर राजभवन के कानूनी सलाहकारों और अफसरों की टीम विधेयक की समीक्षा में लगी रही। मंगलवार को राज्यपाल ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत को बुलाकर चर्चा की। उन्होंने उनसे पूछा कि इस कानून को कोई अदालतों में चुनौती दे तो उससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या इंतजाम हैं। जवाब में कहा गया, महाधिवक्ता का कार्यालय ऐसी किसी चुनौती से िनपटने को तैयार है। उसके बाद से यह विधेयक राज्यपाल के पास ही पड़ा है। उसमें फिलहाल कोई प्रगति होती नहीं दिख रही है। बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, बातचीत सकारात्मक रही है। राज्यपाल की ओर से जिस तरह का आश्वासन दिया गया है उससे लग रहा है आरक्षण का फ़ायदा लोगों को बहुत जल्द मिलेगा। उन्होंने कहा, राज्यपाल ने एक दो दिन के भीतर हस्ताक्षर करने का आश्वासन दिया है।पांच मंत्री विधेयक लेकर राज्यपाल के पास दो अक्टूबर को पहुंचे थे।कांग्रेस ने खोला मोर्चा, कहा – इससे कुशंकाएं बढ़ रही हैंप्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस विधेयक को लाने के लिये विशेष सत्र बुलाने की सहमति राज्यपाल की भी थी तथा उन्होंने उसी दिन हस्ताक्षर की बात कही थी फिर इसमें विलंब क्यों हो रहा है? राजभवन द्वारा आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने में विलंब करने में अनेक कुशंकाओं का जन्म हो रहा है। आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हो गया तो राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर कर देना चाहिए। राजभवन में इसके पहले भी जब कृषि संशोधन विधेयक पारित हुआ था तब भी हस्ताक्षर करने में विलंब हुआ था। इस देरी से गलत संदेश जनता के बीच जा रहा जो राजभवन की गरिमा के विपरीत है।सुशील आनंद शुक्ला ने राजभवन और भाजपा पर निशाना साधा है।भाजपा को बताया जाने लगा जिम्मेदारकांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के नेता विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने पर जिस प्रकार बयान दे रहे उन बयानों के निहितार्थ छत्तीसगढ़ का हर नागरिक समझ रहा है। इसमें भाजपा की बदनीयती भी सामने आ रही है। विधानसभा में भी भाजपा ने विधेयक को प्रस्तुत करते समय अड़ंगा लगाने के लिये हो-हल्ला मचाया था। कांग्रेस सरकार ने आरक्षण के लिये विधेयक पास करवा कर अपनी नीयत और मंशा साफ कर दी है। अब अगर विलंब होता है तो इसका जवाब भाजपा को देना होगा। उन्होंने पूछा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजभवन जाकर राज्यपाल से इस विधेयक पर शीघ्र हस्ताक्षर करने के लिये क्यों नहीं कहते?अजय चंद्राकर ने राजभवन के रुख का बचाव किया है।भाजपा ने कांग्रेस पर राजनीतिक स्वार्थ का आरोप लगायाप्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, कांग्रेस आरक्षण के मामले में निम्नस्तरीय राजनीति कर रही है। राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल को निशाने पर लेते हुए अनावश्यक भ्रम फैला रही है। बेतुके आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेसी बिना वजह चिंता जता रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जो विधेयक लाया है, उसका संवैधानिक परीक्षण आवश्यक है। चंद्राकर ने पूछा, राज्यपाल यदि यह चाहती हैं कि आरक्षण कानूनी पेचीदगियों में न फंसे तो इसमें कांग्रेस को क्या तकलीफ है? क्या कांग्रेस यही चाहती है कि पहले वह जिस तरह आदिवासी और ओबीसी का हक छिनवाती रही है, वैसा ही अब भी हो।यहां से शुरू हुआ है यह विवादछत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 19 सितम्बर को गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी मामले में फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ में चल रहे 58% आरक्षण को असंवैधानिक बताकर खारिज कर दिया था। उसके बाद से छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई आरक्षण रोस्टर नहीं बचा। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए सरकार ने एक-दो दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण संबंधी दो संशोधन विधेयक पारित कराये। इसमें आरक्षण को बढ़ाकर 76% कर दिया गया था। इसमें अनुसूचित जाति को 13%, अनुसूचित जनजाति को 32%, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 4% आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं होने से यह विधेयक कानून नहीं बन पा रहा है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में किया रोड शो, जाम में फंसे लोग     |     खाई में गिरा बरातियों को लेकर जा रहा वाहन, आधा दर्जन से अधिक लोग घायल     |     मुरैना के रुअर गांव में कांग्रेस प्रत्याशी के छोटे भाई पर फायरिंग     |     ग्वालियर में दो मैरिज गार्डन में लगी भीषण आग ,मची भगदड़, शादी समारोह के दौरान AC में हुआ ब्लास्ट…     |     मानपुर रेंज में तेंदुए का शव मिला, शिकार की आशंका, जांच में शिकारियों के बिछाए 15 फंदे मिले     |     चुनाव ड्यूटी से लौट रहे पुलिस जवानों की बस पलटी, 21 से ज्यादा जवान हुए घायल..     |     कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, युवा नेता पवन कुमार यादव भाजपा में हुए शामिल     |     विदिशा में एफएसटी और एसएसटी की टीम को चेकिंग के दौरान व्यापारियों के पास मिले सोने – चांदी के जेवर सहित नगद रुपए…     |     भिंड में महंगे दाम पर स्कूल बुक बेचने वाले पुस्तक भंडार को किया गया सील..     |     चुनौतियों से भरा होता है बस्तर में वोटिंग कराना और EVM को सुरक्षित लाना, सुरक्षा में एक चूक पड़ सकती है भारी     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें