ब्रेकिंग
गोविंदा की तबीयत में सुधार! अस्पताल से घर पहुंचे 'हीरो नंबर 1', पर डॉक्टरों ने दी आराम करने की खास स... नतीजों से पहले महागठबंधन में हड़कंप! विधायकों के बिकने का डर, 'महफूज रखने' के लिए बनाया सीक्रेट प्ला... दिल्ली में शादी की प्लानिंग करने वाले ध्यान दें! हाईकोर्ट ने दिया आदेश- शादी समारोह के लिए पहले लेनी... बदरीनाथ धाम में हाई अलर्ट! $25$ नवंबर को कपाट बंद होने से पहले सुरक्षा बढ़ाई गई, पुलिस और असम राइफल्... दिल्ली ब्लास्ट पर बोलीं महबूबा मुफ्ती! 'अपराधी को सजा मिले, लेकिन रिश्तेदारों के साथ हो सही सलूक', ब... दहल जाता अयोध्या, दर्द में होती काशी! दिल्ली में धमाका करने वालों के टारगेट पर थे मंदिर और अस्पताल, ... डॉ. शाहीन का 'विदेश' प्लान! पूर्व पति ने किया खुलासा- 'वह मुझे विदेश में शिफ्ट होने के लिए कहती थी',... भारत की सैन्य ताकत! जैसलमेर में 'त्रिशूल युद्धाभ्यास', आकाश में अपाचे और जमीन पर T-90 टैंक, तीनों से... दिल्ली ब्लास्ट पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सफाई! 'यूनिवर्सिटी में केमिकल स्टोरेज नहीं, लगाए गए आरोप गल... दिल दहला देने वाली घटना! युवक ने मां और भाई को चाकू से गोदा, पुलिस को फोन पर कहा- 'वे इंसान नहीं, भू...
देश

बाढ़, चक्रवात और सूखे की मार! खराब मौसम से भारत में बड़ी जनहानि, मौत के मामलों में दुनिया में $9$वें नंबर पर देश

पिछले तीन दशकों में जितनी भी जलवायु आपदाएं आई हैं उनमें प्रभावित देशों में भारत नौवें स्थान पर है. 1995 से 2024 सूखा, लू, बाढ़ जैसी लगभग 430 चरम मौसमी घटनाओं की वजह से 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. पर्यावरण थिंक टैंक जर्मनवॉच की ओर से ब्राज़ील के बेलेम में आयोजित COP30 में जारी जलवायु जोखिम सूचकांक (CRI) 2026 में इसके बारे में बताया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 170 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान भी हुआ है.

देश को हुए नुकसान का कारण मुख्य रूप से बार-बार आने वाली बाढ़, चक्रवात, सूखा और लू हैं. ये सभी घटनाएं ग्लोबल वार्मिंग की वजह से और ज्यादा बढ़ गई हैं. इसमें कहा गया है कि 1998 का ​​गुजरात चक्रवात, 1999 का ओडिशा सुपर साइक्लोन, 2013 का उत्तराखंड बाढ़ और हाल ही में आई जानलेवा लू जैसी घटनाओं की वजह से भारत को सीआरआई रैंकिंग में 9वां स्थान मिला है.

आपदा बन रहा विकास में बाधक

रिपोर्ट के मुताबिक, ये आपदाएं भारत में कभी-कभी आने की बजाय लगातार खतरा बन चुकी हैं. हर साल बाढ़, चक्रवात, सूखा और लू जैसी घटनाएं बार-बार आती रहती हैं. इससे देश के विकास के फायदे के लिए तैयार की गईं नई सड़कें, स्कूल, खेती को नुकसान पहुंचता है. इससे गरीबी बढ़ती है, लोगों की रोज़ी-रोटी कमजोर पड़ती है और देश के आगे बढ़ने की गति भी धीमी हो जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की विशाल जनसंख्या (लगभग 1.4 अरब लोग) और मानसून की अनिश्चितता की वजह से ये देश को कमजोर बनाते हैं.

ये 9 देश हैं शामिल

  1. डोमिनिका
  2. म्यांमार
  3. होंडुरास
  4. लीबिया
  5. हैती
  6. ग्रेनाडा
  7. फिलीपींस
  8. निकारागुआ
  9. भारत

4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ नुकसान

सिर्फ 2024 में, भारत भारी मानसूनी बारिश और अचानक आई बाढ़ से 80 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए. खासकर गुजरात, महाराष्ट्र और त्रिपुरा में इसका प्रभाव ज्यादा देखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल बाढ़ और तूफान की वजह से वैश्विक स्तर पर सबसे ज़्यादा नुकसानदायक घटनाएं हुई थीं. इनसे लगभग आधे लोग प्रभावित हुए और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ.

जर्मनवॉच ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 1995-2024 के बीच 9,700 से मौसमी घटनाओं ने 8.3 लाख से ज़्यादा लोगों की जान ली. इससे लगभग 5.7 अरब लोगों को प्रभावित किया और लगभग 4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. पिछले तीन दशकों में डोमिनिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहा है. इसके बाद म्यांमार, होंडुरास, लीबिया, हैती, ग्रेनाडा, फिलीपींस, निकारागुआ, भारत और बहामास का स्थान है.

Related Articles

Back to top button