ब्रेकिंग
नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस? जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला भगवा गमछा, साड़ी और मटका सिल्क… महाकुंभ में भागलपुर के बुनकरों को मिला 5 करोड़ का ऑर्डर गोल्डेन शाही मस्जिद या बाला-ए-किला? अलीगढ़ की 300 साल पुरानी इमारत पर हिंदू पक्ष ने ठोंका दावा बिहार की ‘बराबर की गुफा’, जिस पर बनी हॉलीवुड फिल्म और मिला ऑस्कर अवॉर्ड अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, प्रॉपर्टी पर मिला स्टे; हाइकोर्ट को दिया ये निर्देश बिहार: चुनावी साल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर हो सक...

 बीजेपी सांसद वरुण गांधी का खुलासा, दो बार मंत्रिपद को ठुकराया 

चेन्नई । पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी कई महीनों से सुर्खियों में हैं। उनके बारे में कयास लग रहे हैं कि वह अपनी पार्टी से नाराज हैं, जिसकी वजह से राज्य से लेकर केंद्र के कामकाज के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। मोदी सरकार के दोनों कार्यकालों में वरुण गांधी के पास कोई भी मंत्रिपद भी नहीं रहा है। अब केंद्र में मंत्रिपद को लेकर वरुण गांधी ने बड़ा दावा किया है। वरुण का दावा है कि उन्हें दो बार मंत्री बनने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया।

सांसद वरुण गांधी ने कहा, मैंने दो बार मंत्रिपद ठुकराया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। यह पूछने पर कि जब उन्होंने मंत्रिपद ठुकराया, तब क्या किसी को बुरा लगा, वरुण गांधी ने कहा, यदि आप किसी को सम्मानपूर्वक बातें कहते हैं, यदि उनका सम्मान बनाए रखा जाता है, और यदि आपके बयानों में तर्क है, तब लोग बड़े दिल वाले होते हैं।

इस दौरान वरुण गांधी से पूछा गया कि यदि वे शिक्षा मंत्री होते, तब वे चार काम कौन से करते तब उन्होंने कहा कि सबसे पहले वे पाठ्यक्रम में बदलाव करते और हमारे शिक्षकों की संख्या बढ़ाते। इसके बाद, वह लोगों को कुशल बनाने पर पैसा खर्च करते। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया में 94 प्रतिशत के विपरीत भारतीय कार्यबल में 4 प्रतिशत ही लोग कुशल हैं।

उन्होंने कहा कि वह दक्षिण कोरिया या जर्मनी की तरह वोकेशनल एजुकेशन में वृद्धि करते। उन्होंने कहा, एक बार जब आप अपनी शिक्षा पूरी कर लेते हैं, तब आप व्यावसायिक शिक्षा करने के लिए तीन से पांच साल का समय ले सकते हैं। इस दौरान आप कंपनियों में काम भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को पता होना चाहिए कि पिछले पांच सालों में जितनी भी सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं, उसमें से 79 प्रतिशत संविदा की नौकरियां हैं। वे वास्तविक नौकरियां नहीं हैं, उनके पास पेंशन नहीं है, कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं है।
वरुण ने कहा कि इसलिए, मैंने जो बिल पेश किया है उसके तहत आपको समयबद्ध तरीके से वैकेंसियों की पहचान करना होगा और 45-60 दिनों में परीक्षाएं करानी होंगी और फिर लोगों को नौकरी देनी होगी। मैंने इस बिल को सामने रखा है और मैंने इस पर कुछ मंत्रियों से बात की है। उन्होंने नई नौकरियों का वादा भी किया है।

नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग     |     वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट     |     ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट     |     कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस?     |     जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला     |     भगवा गमछा, साड़ी और मटका सिल्क… महाकुंभ में भागलपुर के बुनकरों को मिला 5 करोड़ का ऑर्डर     |     गोल्डेन शाही मस्जिद या बाला-ए-किला? अलीगढ़ की 300 साल पुरानी इमारत पर हिंदू पक्ष ने ठोंका दावा     |     बिहार की ‘बराबर की गुफा’, जिस पर बनी हॉलीवुड फिल्म और मिला ऑस्कर अवॉर्ड     |     अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, प्रॉपर्टी पर मिला स्टे; हाइकोर्ट को दिया ये निर्देश     |     बिहार: चुनावी साल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर हो सकता है मंथन     |