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मध्यप्रदेश

मप्र में मनरेगा बना बेरोजगारों का संबल

भोपाल । मप्र में मनरेगा बेरोजगारों के लिए सबसे बड़ा संबल बना हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लोकसभा में दी गई जानकारी में यह तथ्य सामने आया है। जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को खुले दिल से राशि दी, मप्र भी खर्च करने में पीछे नहीं है। खर्च की स्थिति यह है कि मध्यप्रदेश टॉप फाइव राज्यों में शामिल है। यह इस बात का संकेत है कि प्रदेश में मनरेगा के तहत खुब काम हो रहा है और ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार भी मिल रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने के प्रयास हो रहे हैं। राज्य में जिस गति से रोजगार पाने वालों की संख्या में दिनोंदिन हजाफा हो रहा है, उस तुलना में रोजगार नहीं मिल रहा। ऐसी स्थिति में मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सबसे बड़ा साधन बना हुआ है।
काम मांगने वालों की संख्या बढ़ी
प्रदेश में काम मांगने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है। वहीं सरकार का प्रयास भी है अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले। यही कारण है कि मनरेगा के तहत मध्यप्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4949.34 करोड़ रुपए राशि खर्च की थी। इसके अगले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 में इससे दोगुना यानी 9142.26 करोड़ रुपए खर्च किए। चालू वित्तीय वर्ष में इस राशि में और इजाफा होने की संभावना है।
एक साल में 9142 करोड़ खर्च
मप्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9142.26 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। मनरेगा के तहत राशि खर्च करने में मप्र देश में पांचवें स्थान पर है। जबकि उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है और उसने 12626.38 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। वहीं दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश है और उसने 10901.14 करोड़ रूपए खर्च किए हैं। इसी तरह राजस्थान ने 9796.05 करोड़, बिहार ने 6425.71 करोड़, कर्नाटक ने 5617.49 करोड़, छत्तीसगढ़ ने 4113.10 करोड़, केरल ने 3867.75 करोड़, झारखंड ने 3150.34 करोड़, असम ने 2525.27 करोड़, महाराष्ट्रने 2018.63 करोड़, गुजरात ने 1334.86 करोड़, पंजाब ने 1240.83 करोड़, हिमाचल प्रदेश ने 988.96 करोड़, उत्तराखंड ने 853.81 करोड़ और  हरियाणा ने 802.63 करोड़ रूपए खर्च किए हैं।
एक करोड़ 21 लोगों ने मांगा काम
राज्य में रोजगार मांगने वालों की संख्या पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट होता है कि यह संख्या बढ़ी है। पांच माह पूर्व शुरू हुए ई-श्रम पोर्टल के मुताबिक मध्यप्रदेश से एक करोड़ 21 लोगों ने अपना पंजीयन कराया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि राज्य में हर माह एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए युवाओं को स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए सस्ता कर्ज से लेकर तकनीकी सहयोग सहित अन्य सुविधाएं सरकार उपलब्ध करा रही है। वहीं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरे जाने की प्रक्रिया भी चल रही है। एक साल में 44 हजार की भर्ती हो चुकी है।

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