वह विज्ञान के खिलाफ नहीं
छतरपुर । बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भक्तों और समर्थकों की संख्या लाखों-करोड़ों में हैं, तब आलोचकों की भी कमी नहीं है। भक्तों के मन को पढ़ने के साथ उनके भूत और भविष्य की बात बताने का दावा करने वाले शास्त्री तर्कवादियों के निशाने पर हैं। हिंदू राष्ट्र को एजेंडा बनाकर सिसायत के केंद्र में आ चुके शास्त्री ने अब अपनी आलोचनाओं पर जवाब दिया है। उन्होंने ऐसा करते हुए भगवान राम की भी मिसाल दी।
एक मैंगजीन से साक्षात्कार में शास्त्री से जब उनकी आलोचनाओं को लेकर सवाल किया गया कि क्या वह इस सबसे आहत होते हैं, तब उन्होंने कहा, बिलकुल नहीं, मुस्कुराते हैं आलोचना से। भगवान राम को भी लोग गालियां देते थे, हम तब आम हैं। हमें फर्क भी नहीं पड़ता। थैक्यूं सो मच और सेम टू यू बोल देते हैं रात को सोते वक्त सबको। शास्त्री ने कहा कि वह विज्ञान के खिलाफ नहीं हैं। वह दवा के साथ दुआ की बात कहते हैं। उन्होंने साफ किया कि वह अपने पास स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर आने वाले लोगों को डॉक्टरी परामर्श लेने या जारी रखने की सलाह देते हैं।
शास्त्री ने कहा, मेरे पास कोई भी आता है, तब बीमार लोगों को मैं सबसे पहले कहता हूं कि आप डॉक्टर की सलाह ले लो। दुआ और दवा हम दोनों के पक्षधर हैं। लोगों ने आधी बात सुनकर हमारा विरोध किया है, अभी हमको समझा ही नहीं है। बालाजी ऊपर हैं और औषधालय नीचे। इसके पीछे रहस्य क्या है। पहले दवा यहां ठीक ना हों तब मंदिर चढ़ जाओ तब दुआ। दवा और दुआ दोनों का संयोग है तो आप बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। कई बार अखबारों में निकला है कि महामृत्युंजय जाप से दिल की बीमारी ठीक हो गई, यह क्या है, ध्वनि चिकित्सा, एक पद्धति है मंत्र चिकित्सा की।