ब्रेकिंग
उत्तराखंड और हिमाचल में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर, बारिश और बर्फबारी का अलर्ट, कैसे गुजरेंगे अगले ... भारत के खिलाफ साजिश! PAK से आए जहाज से 250kg RDX और 100 AK47 पहुंचे बांग्लादेश रूमर्ड बॉयफ्रेंड अगस्त्य को लेकर पिता शाहरुख खान के पास पहुंचीं सुहाना खान, अलीबाग फार्म हाउस में क्... नहीं रहे डॉ मनमोहन सिंह, देर रात दिल्ली एम्स में निधन ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम… गाने वाली सिंगर देवी ने क्यों मांगी माफी? ‘काम करवाने के बाद विधायक जी नहीं दे रहे पैसा…’ CM पोर्टल पर मजदूरों की गुहार भगवा टीशर्ट पहनी, लिखा- अवैध वसूली से मुक्त करो… कानपुर में अपनी ही मेयर के खिलाफ उतरे BJP पार्षद ‘यमराज से भी लड़ेंगे’, बीमार पत्नी ऑक्सीजन सपोर्ट पर, पति 4 साल से कंधों पर ढो रहा सिलेंडर… विजय की अ... खतरों का खिलाड़ी! ट्रेन के पहियों के बीच बैठा शख्स, किया सफर; रेलवे ने देखा तो उड़े होश ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का यात्रियों को तोहफा, घट गया एसी बसों का किराया… अब कितना लगेगा चार्ज?

सबसे अनूठी और भव्य होती है मथुरा और वृंदावन की होली 

सनातन धर्म में होली का त्यौहार बेहद अहम स्थान रखता है। देश भर में इसकी धूम रहती है पर मथुरा और वृंदावन की होली सबसे अनूठी और भव्य मानी जाती है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की होली को देखने देश भर से ही नहीं विदेशों से भी धर्मप्रेमी सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। जहां देश के दूसरे हिस्सों में रंगों से होली खेली जाती है वहीं सिर्फ मथुरा एक ऐसी जगह है जहां रंगों के अलावा लड्डूओं और फूलों से भी होली खेलने का रिवाज़ है। इतना ही नहीं पूरे एक हफ्ते पहले यहां समारोह शुरु हो जाता है।

इसलिए मथुरा की होली होती है खास
ऐसा माना जाता है कि आज भी मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी निवास करते हैं इसलिए पूजा-पाठ से लेकर उत्सव भी ऐसे मनाए जाते हैं जैसे वो खुद इसका हिस्सा हैं। भगवान श्रीकृष्ण, हमेशा से ही राधा के गोरे और अपने सांवले रंग की शिकायत मां यशोदा से किया करते थे। तो राधा रानी को अपने जैसा बनाने के लिए वो उनपर अलग-अलग रंग डाल दिया करते थे। नंदगांव से कृष्ण और उनके मित्र बरसाना आते थे और राधा के साथ उनकी सखियों पर भी रंग फेंकते थे। जिसके बाद गांव की स्त्रियां लाठियों से उनकी पिटाई करती थी।
तो राधा-कृष्ण की बाकी लीलाओं की तरह ये भी एक परंपरा बन गई जिसे यहां लट्ठमार होली के तौर पर आज भी निभाया जाता है।

बरसाना की लट्ठमार होली 
वैसे तो पूरे शहर में ही होली की धूमधाम देखने को मिलती है लेकिन जिस होली की चर्चा पूरे देशभर में है उसे देखने के लिए आपको बरसाना, नंदगांव, ब्रज और वृंदावन आना पड़ेगा। बरसाना की लट्ठमार होली में नंदगांव से पुरुष आकर यहां की महिलाओं को चिढ़ाते हैं जिसके बाद महिलाएं उनकी लाठी-डंडों से पिटाई करती हैं। इस लड़ाई को देखने और इसमें शामिल होने का अपना अलग ही आनंद होता है। इसके बाद वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर आएं जहां रंगों और पानी के साथ होली खेलने की परंपरा है।

ऐसे बनाएं मथुरा और वृंदावन की होली को खास
बरसाना की लट्ठमार होली
नंदगांव की लट्ठमार होली
रंग भरनी एकादशी- बांके-बिहारी मंदिर, वृंदावन
विधवा होली- मथुरा के मैत्री आश्रम में रहती हैं विधवा महिलाएं। जहां विधवा महिलाएं भी जमकर खेलती हैं होली। जो एक बहुत ही अच्छा और सार्थक कदम है क्योंकि पहले हमारे देश के रीति-रिवाज इसके खिलाफ थे।
होलिका दहन- पूरे व्रजमंडल में होलिका दहन होता है।
होली- व्रजमंडल में खेलें पानी की होली, मथुरा, वृंदावन के सभी मंदिरों में होली की धूम देखने को मिलती है।
हुरंगा- दाऊजी मंदिर आकर देखें मशहूर हुरंगा होली की मस्ती।
रंग पंचमी- और रंग पंचमी के साथ होता है होली का समापन। जिसे आप यहां के मंदिरों में देख सकते हैं।

उत्तराखंड और हिमाचल में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर, बारिश और बर्फबारी का अलर्ट, कैसे गुजरेंगे अगले 48 घंटे?     |     भारत के खिलाफ साजिश! PAK से आए जहाज से 250kg RDX और 100 AK47 पहुंचे बांग्लादेश     |     रूमर्ड बॉयफ्रेंड अगस्त्य को लेकर पिता शाहरुख खान के पास पहुंचीं सुहाना खान, अलीबाग फार्म हाउस में क्या होने वाला है?     |     नहीं रहे डॉ मनमोहन सिंह, देर रात दिल्ली एम्स में निधन     |     ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम… गाने वाली सिंगर देवी ने क्यों मांगी माफी?     |     ‘काम करवाने के बाद विधायक जी नहीं दे रहे पैसा…’ CM पोर्टल पर मजदूरों की गुहार     |     भगवा टीशर्ट पहनी, लिखा- अवैध वसूली से मुक्त करो… कानपुर में अपनी ही मेयर के खिलाफ उतरे BJP पार्षद     |     ‘यमराज से भी लड़ेंगे’, बीमार पत्नी ऑक्सीजन सपोर्ट पर, पति 4 साल से कंधों पर ढो रहा सिलेंडर… विजय की अनोखी प्रेमी कहानी     |     खतरों का खिलाड़ी! ट्रेन के पहियों के बीच बैठा शख्स, किया सफर; रेलवे ने देखा तो उड़े होश     |     ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का यात्रियों को तोहफा, घट गया एसी बसों का किराया… अब कितना लगेगा चार्ज?     |