भुवनेश्वर । अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी गुरुवार को भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक से मुलाकात करने वाली हैं। ममता ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस मोर्चेबंदी के रूप में देखा जा रहा है। उधर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल सेक्यूलर के नेता एचडी कुमारास्वामी भी ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं।
वह पटनायक से मुलाकात के अगले दिन 24 मार्च को ममता के कोलकाता स्थित आवास पर उनसे बातचीत करेंगी। कुछ दिनों पहले सपा के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात की थी। इस बीच ममता का तीन दिवसीय ओडिशा दौरे ने तीसरे मोर्चे के सुगबुगाहट को हवा देने का काम किया। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तब पुरी में बंगाल अतिथि भवन के लिए जगह देखना बहाना है, असल में अगले वर्ष होने जा रहे आम चुनाव की लामबंदी के लिए पिच तैयार करना है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद सुप्रीम पटनायक पहले से ही कह चुके हैं, कि उनकी पार्टी कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय दलों से समान दूरी बनाए रखेगी। दीदी ने भी भले ही तीसरे मोर्चे की बात नकारते हुए नवीन के साथ होने वाली अपनी मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया है।हालांकि, राजनैतिक पंडितों का मानना है कि 2024 चुनाव से पहले ममता दीदी का तीन दिवसीय दौरा केवल शिष्टाचार भेंट के लिए नहीं हो सकता है। क्योंकि सभी जानते हैं, कि बीजद के बिना तीसरे मोर्चे की परिकल्पना करना भी बेमानी होगी।
चुनाव से पहले यदि तीसरे मोर्चे का गठन होता है, और मोर्चा को पटनायक का साथ मिल जाता है, तब फिर पश्चिम बंगाल से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली एवं आंध्रप्रदेश तक नवीन की छवि का लाभ मोर्चे को मिलेगा। खुद बंगाल में ही शहरी क्षेत्र की कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर जीत हार में बड़ी भूमिका प्रवासियों की रहती है। इसकारण दीदी से लेकर तीसरे मोर्चे की परिकल्पना करने वाले नेताओं की नजर पटनायक को अपने गुट में लाने की है। इसमें सुगबुगाहट को हवा देने का काम ओडिशा में बदलते राजनीतिक हालात भी कर रहे हैं।
भाजपा सीधे तौर पर पटनायक सरकार पर हमलावर और बंगाल की ही तरह ओडिशा में भी दो प्रमुख पार्टी बीजद एवं भाजपा के बीच टकराव की खबरें आए दिन आने लगी है। इसके बाद माना जा रहा है, कि जब नवीन एवं ममता की मुलाकात होगी, तब निश्चित रूप से दोनों प्रदेश में वर्तमान के हालात की भी चर्चा जरूर होगी और तीसरे मोर्चे की पटकथा लिखी जा सकती है।
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