अक्सर लोगों की लॉटरी लगने की खबरें सामने आती है. जिसमें ये पता चलता है कि लोगों की लाखों-करोड़ों रुपयों की लॉटरी लग गई है. लेकिन क्या आपको पता है कि जितने रुपये की लॉटरी लगती है लोग उतने पूरे रुपये अपने बैंक खाते में नहीं रख सकते. दरअसल, जीती गई अमाउंट अगर 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो भारत में जीती गई राशि पर लोगों को टैक्स का भुगतान भी करना होगा. अगर जीती गई राशि पर टैक्स नहीं चुकाया जाता है विजेता पर एक्शन भी लिया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में कि अगर किसी को करोड़ों रुपये की लॉटरी लग जाती है तो कितना पैसा टैक्स के रूप में चुकाना होगा.
लॉटरी
लॉटरी का मतलब है कि किसी योजना को लॉटरी मानने से पहले इसमें पुरस्कारों के वितरण का एक तत्व होना चाहिए जो कि संयोग से या बहुत से ड्रॉ द्वारा होना चाहिए और ऐसा वितरण उन लोगों के बीच होना चाहिए जिन्होंने भागीदारी योजना में टिकट खरीदकर भागीदारी लेने के लिए कीमत चुकाई थी.
इतना लगेगा टैक्स
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 115बीबी के अनुसार सरकार लॉटरी, वर्ग पहेली, घुड़दौड़ सहित दौड़, ताश के खेल और किसी भी प्रकार के जुए या किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी से जीतने पर टैक्स लगाती है. यह खंड 4% उपकर (Cess) के अलावा 30% की एक फ्लैट टैक्स रेट यानी TDS लगाता है, जिसके बाद टोटल 31.20% का टैक्स बनता है. इतना टैक्स कटने के बाद बाकी राशि विजेता को मिलेगी.
इसका भी रखें ध्यान
वहीं आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194बी के अनुसार अगर पुरस्कार राशि 10,000 रुपये से अधिक है तो विजेता को 30% टीडीएस की ऑनलाइन कटौती के बाद पुरस्कार राशि मिलेगी. वहीं 30% सरचार्ज (यदि लागू हो), 4% एजुकेशनल सेस (यदि विजेता अनिवासी है) लगेगा.