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पाक सायबर ठगोरो के मददगारो कि गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां भी आई एक्शन में

बिहारी युवको पाक कनेक्शन उजागर होने के बाद मचा हडकंप
ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी ऐप बायनेंस के जरिए पाकिस्तान भेज देते

भोपाल। साइबर जालसाजो के लिये बैंक खाते, सिम उपलब्ध कराने वाले गिरोह ने पुलिस पूछताछ मे कई खुलासे किए हैं। गिरोह के सदस्य पाकिस्तान के फैसलाबाद में बैठे व्यक्ति के लिए काम करते थे। और सायबर फ्रॉड से कमाई रकम को एक एप के जरिये पाकिस्तान में बैठे युवक को भेते देते थे। भोपाल पुलिस की गिरफ्त में आया यह गिरोह बैंक खातों में 22 मार्च से 11 अप्रैल के बीच 1 करोड़ से अधिक की रकम जमा हुई हैं। कई जानकारियॉ सामने आने पर अब खूफिया एजेंसियां भी सक्रीय हो गई हैं। सूत्रो के अनुसार इस मामले को पाकिस्तान के इकोनॉमिक टेरर को भारत में फ्रॉड के माध्यम से शुरू किये जाने की अहम कड़ी माना जा रहा है। पकड़ाये गये गिरोह के आरोपियों के मोबाइल फोन, ईमेल और लैपटॉप की पड़ताल जांच की जा रही है। मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने भोपाल से 4 और बिहार के 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियो ने जानकारी देते हुए बताया कि श्यामनगर, बरखेड़ा पठानी, गोविंदपुरा में रहने वाले 21 वर्षीय हर्ष यादव पुत्र लीला किशन यादव ने 22 मार्च को लिखित शिकायत करते हुए बताया था कि उसको लोन दिलाने का झांसा देकर रोहन एवं अमोल नामक युवको ने उसका एटीएम कार्ड व बैंक खाते की डिटेल ले ली। इसके बाद जब लोन का पैसा उसके एकांउट में नहीं आया तब हर्ष ने अपने बैंक में जाकर जानकारी ली। वहॉ उसे पता चला कि पिछले चार दिनों से उसके एकांउट से करीब 19 लाख की रकम का लेन-देन हो चुका है। यह जानकर हर्ष के होश उड़ गये उसने तुरंत ही रोहन और अमोल से अपना एटीएम वापस देने को कहा। इसपर उन दोनों ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली। हर्ष ने उनकी शिकायत पुलिस से कर दी। जांच के आधार पर पुलिस ने बरखेड़ा पठानी, गोविंदपुरा के रहने वाले भगवान सिंह ठाकुर (24), कटारा हिल्स के अमोल गोडगे (24), अरेरा कॉलोनी के अभिषेक परिहार, हबीबगंज के अंकित सिंह राजपूत, बेंतिया, बिहार के रहने वाले शिवम राजपूत (19) और आलोक कुमार (21) को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि आरोपी शिवम बैंक अकाउंट का बायनेंस अकाउंट वेरिफाई करता और एकांउट को मैनैज करता था। आरोपी आलोक बैंक अकाउंट में रकम लेता, और उस पैसै को बायनेंस एप के जरिये पाकिस्तान के फैसलाबाद में ट्रांसफर कर देता था। आला अधिकारियो ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल में पाकिस्तानी दूरसंचार कंपनी का कंट्री कोड, वाइस नोट मिला जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि गिरोह का सरगना पाकिस्तान का हो सकता है।

ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी ऐप बायनेंस के जरिए पाकिस्तान भेज देते
पुलिस जॉच में सामने आया कि बिहार में बैठकर आरोपी शिवम और आलोक फेसबुक से राजधानी भोपाल के युवकों को बैंक एकांउट उपलब्ध कराने के ऐवज में रकम सहित कई तरह का लालच देकर अपने जाल में फंसाकर उनका बैंक में खाता खुलवाते और उसके बाद भोपाल में उनके साथी उसे वाट्सएप या कोरियर के द्वारा बिहार में बैठे जालसाजों को भेज देते। आरोपी आलोक पहले यह तय करता करता था कि उसे किन-किन शहरो से बैंक खाते लेने है, इसके बाद वह वहां के लोगों से फेसबुक के जरिये दोस्ती कर अपने काम में जुट जाता था। भोपाल में रहने वाले आरोपी कई बार बैंक खाता देने बिहार तक जाते और इन एकाउंट के बदले में 10 हजार रूपए लेते थे। आरोपी शिवम और आलोक बैंक खातों में मोबाइल नंबर लिंक कराने के लिए मोबाइल नंबर देते। भोपाल में बैठे आरोपी खुद मैनेज करते , इसके बाद आरोपी नेट बैंकिंग एक्टिव कर उसमें रूपए ट्रांसफर कराते। अंत में आरोपी ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी ऐप बायनेंस के जरिए पाकिस्तान भेज देते। आरोपी आलोक पहले यह तय करता कि उसे किन-किन शहरो से बैंक एकाउंट लेना है, इसके बार वह उन शहरो के लोगो से फेसबुक के जरिये दोस्ती कर अपना काम शुरु कर देता था।

जेल दाखिल करते समय रास्तें में हथकड़ी सरकाकर फरार हो गया था जालसाज
इस मामले में 11 अप्रैल को क्राइम ब्रांच ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें से चार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहॉ से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिये गये थे। पुलिस वाहन से जेल ले जाते समय रास्तें में कोहेफिजा लालघाटी के पास रेड सिग्नल होने पर पुलिस जीप रुक गई। इसी दौरान मौका पाकर आरोपी अमोल हाथ से हथकड़ी सरकाकर फरार हो गया था। बाद में आरोपी की धरपकड़ के लिये बनाई गई पुलिस टीमो ने फरार आरोपी के भाई अजय गोडगे से पूछताछ की। पहले तो वह लगातार गुमराह करता रहा। लेकिन उसके मोबाइल का सीडीआर चैक करने पर सामने आया कि उसकी कई अलग-अलग नंबरों पर काफी बार बात हुई थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को इंदौर भोपाल बाईपास, सरकार ढाबा के पास जिला सीहोर से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी ने बताया कि लालघाटी चौराहे से पुलिस कि हिरासत से भागने के बाद उसने भाई से संपर्क किया था, और उसके साथ निकल गया। इसके बाद पुलिस ने अमोल के भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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