ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
देश

Ayodhya Land Dispute Case:13वें दिन की सुनवाई शुरू, निर्मोही अखाड़ा की ओर से बहस जारी

नई दिल्ली।  Ayodhya Land Dispute Case: सुप्रीम कोर्ट में मंलगवार को 13वें दिन अयोध्‍या भूमि विवाद मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन की ओर से मामले में बहस जारी है। इससे पहले 12वें दिन कोर्ट ने अखाड़ा से रामलला विराजमान की ओर से दाखिल मुकदमे का विरोध जारी रखने पर पूछा कि वह रामलाल के मुकदमे के समर्थन में हैं या विरोध में।

कोर्ट ने इस दौरान यह भी कहा कि वह बेवजह देवता (रामलला विराजमान) के मुकदमे का विरोध क्यों कर रहे हैं। दोनों पक्ष साथ हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर देवता ही नहीं रहेंगे तो उनकी सेवा, पूजा और प्रबंधन का अधिकार कैसे रहेगा। वह मस्जिद के तो सेवादार हो नहीं सकते।

इलहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
गौरतलह है कि इलहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2010 में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। इसमें से एक हिस्सा रामलला विराजमान, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने का आदेश था। सभी ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। कुल 14 क्रॉस अपीलें दायर की गई हैं जिन पर पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।

जैन ने कहा कि कोर्ट उन्हें पूजा सेवा प्रबंधन और कब्जा दिलाए
इस दौरान निर्मोही अखाड़ा की ओर से कहा गया कि राम जन्मभूमि मंदिर 1850 से भी पहले से है और हिंदू पूजा करते चले आ रहे हैं। हिंदुओं ने कभी यहां अपना अधिकार नहीं छोड़ा। निर्मोही अखाड़ा शुरू से यहां पूजा सेवा और प्रबंधन करता रहा है। निर्मोही अखाड़ा का ही जन्मभूमि मंदिर पर कब्जा था। जैन ने कहा कि कोर्ट उन्हें पूजा सेवा प्रबंधन और कब्जा दिलाए।

बेवजह खिलाफत
जस्टिस चंद्रचूड़ ने रामलला के मुकदमे के विरोध पर कहा कि मामले की बेवजह खिलाफत क्यों हो रही है। दोनों एक साथ रह सकते हैं। वह अलग से सेवा और पूजा का अधिकार मांग सकते हैं। उन्हें टकराव में आने की जरूरत ही नहीं है। ये सब तो सुन्नी वक्फ बोर्ड कहेगा। कोर्ट ने कहा कि वह अपने सेवादार होने के साक्ष्य पेश करें। जैन ने कई गवाहों के बयान और दस्तावेज का हवाला दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button