कस्टमर केयर अधिकारी बनकर देशभर के 2500 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गैंग का बाहरी-उत्तरी जिले के साइबर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने ठगी में शामिल छह आरोपियों को दबोचा है।
पांच आरोपियों को झारखंड के जामताड़ा से जबकि एक आरोपी को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान गैंग सरगना निजामुद्दीन अंसारी उर्फ निजाम, अफरोज आलम, मोहम्मद आमिर अंसारी, सरफराज अंसारी, अफरोज अंसारी और प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड उपलब्ध करवाने वाले मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल निवासी नसीम मालितया के रूप में हुई है। इनके पास से 34 स्मार्ट फोन, सात सिम, 21761 (इस्तेमाल और गैर इस्तेमाल) सिमकार्ड के अलावा पीड़ित से ठगे 9.73 लाख रुपये लगभग बरामद हुए हैं।
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि पिछले दिनों दुबई में रहने वाले एक व्यक्ति ने जिले के साइबर थाना में 10 लाख रुपये ठगी की एक शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उनकी बेटी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में पढ़ती है। वह उससे मिलने के लिए दुबई से भारत आए थे। बेटी की पासबुक को अपडेट कराने के लिए उन्होंने गूगल की मदद से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कस्टमर केयर नंबर लिया। दिए गए नंबर पर कॉल करने पर पीड़ित से कहा गया कि वह ‘एसबीआई एनीडेस्क’ नाम का एप डाउनलोड कर लें। पीड़ित ने दिए गए लिंक पर क्लिक किया। इसके बाद आरोपियों ने जाल में फंसाकर पीड़ित से ऑन लाइन बैंकिंग खुलवा ली। बाद में पीड़ित के खाते से दो बार में 10 लाख ट्रांसफर कर लिये। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
77 केस हुए कनेक्ट
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी से 77 केस कनेक्ट कर लिए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर, गृहमंत्रालय द्वारा इनको कनेक्ट कर लिया गया है। बाकी केस को इनसे कनेक्ट करने की प्रक्रिया जारी है।
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि यह लोग पश्चिम बंगाल में आरोपी नसीम से मोबाइल के लिए प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड मंगवा लेते थे। इन सिमकार्ड को प्राप्त करने के बाद आरोपी इन नंबरों को लगभग सभी बैंक के अलावा फि्लपकार्ड, अमेजन, मीशो और दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर डाल देते थे। इसके बाद जैसे ही पीड़ित इन नंबरों पर कॉल करते थे तो आरोपी बहुत पेशेवर अंदाज में पीड़ितों से बातचीत करते थे। बाद में धोखे से उनको ‘ANY-DESK’, ‘QUICK SUPPORT’, ‘TEAM VIEWER’ जैसे एप डाउनलोड करवा लिए जाते थे। बाद में इनके मोबाइल के रिमोर्ट एक्सेस लेने के बाद उनसे ऑन लाइन बैंकिंग खुलवा ली जाती थी।
ऐसे जामताड़ा पहुंची पुलिस टीम
साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इंस्पेक्टर रमन कुमार सिंह व अन्य की टीम ने उन खातों की पड़ताल की, जिनमें रकम ट्रांसफर हुई थी। कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि आरोपी लोकेशन से बचने के लिए कॉल फॉरवर्डिंग मेथर्ड अपना रहे थे। पीड़ित इनको कॉल करते तो आरोपी एक नंबर से दूसरे नंबर पर कॉल फॉरवर्ड कर लेते थे। छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपी पूरे देशभर के लोगों से ठगी कर रहे हैं। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी कर्मतार, जामताड़ा, झारखंड के अंदरूनी इलाके में बैठकर ठगी कर रहे हैं। लोकेशन का पता चलते ही 11 अप्रैल को पुलिस टीम जामताड़ा भेजी गई। लोकल पुलिस की मदद से गैंग सरगना निमामुद्दीन अंसारी समेत उसके चार साथी अफरोज अंसारी, आमिर, सरफराज, अफरोज आलम को दबोच गया। इसके बाद टीम सरगना निजामुद्दीन अंसारी को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित रेगी पहुंची। वहां से सिमकार्ड सप्लाई करने वाले नसीम मालितया को दबोच लिया गया। शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पता चला है कि आरोपियों ने देशभर के करीब 2500 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। मौजूदा केस में पीड़ित के दस में से 9.73 लाख रुपये वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। बाकी 27 हजार रुपये भी जल्द बरामद होने की उम्मीद है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।