ब्रेकिंग
मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असम पुलिस को बड़ी कामयाबी, 8 आतंकियों को किया गिरफ्तार कश्मीर में चिल्लई कलां शुरू, श्रीनगर में जमी डल झील ,पाइप लाइन में जमा पानी प्यार, रेप, शादी फिर घर से निकाला, UP पुलिस के सिपाही ने दिया ऐसा दर्द; कमिश्नर को बताई आपबीती संजय राउत के बंगले के बाहर संदिग्ध ‘रेकी’ के मामले में पुलिस दो संदिग्धों को छोड़ा NCP में अलग-थलग पड़े छगन भुजबल, क्या लेंगे कोई बड़ा फैसला? अटकलें तेज बिहार: दरभंगा में घर में छिपाकर रखे आठ थे मगरमच्छ, 3 तस्करों को पुलिस ने दबोचा 14 बिल पर 2 मुद्दे भारी…शीतकालीन सत्र में संसद के 65 घंटे कैसे हो गए बर्बाद? 51 करोड़ रुपये लागत, 176 लग्जरी कॉटेज; प्रयागराज महाकुंभ में डोम सिटी हिल स्टेशन जैसा देगी अहसास PM मोदी 65 बार नॉर्थ ईस्ट आए, कोई ना कोई तोहफा लाए: अमित शाह

संगठन खड़ा करने पर है कांग्रेस का फोकस

भोपाल । मप्र कांगे्रस का फोकस अब अपने कमजोर संगठन को मजबूत करने पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसे खुद स्वीकार भी कर चुके हैं। इसी कमजोर संगठन के भरोसे कांगे्रस के नेता प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने का दावा जरूर कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा के मजबूत संगठन से भिडऩे के लिए कांग्रेस के पास संगठन नहीं है। इसके लिए कमलनाथ ने पार्टी के अलग-अलग विभाग एवं प्रकोष्ठों के प्रमुखों को बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक अपना-अपना संगठनात्मक ढंाचा खड़ा करने को कहा है। लेकिन इन नेताओं की समस्या यह है कि उन्हें एक नियुक्ति के भी अधिकार नहीं है। सारे अधिकार कमलनाथ के पास हैं। यही वजह है कि कांग्रेस अपना संगठन खड़ा नहीं कर पा रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिलों के अलावा ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारी घोषित कर दिए हैं, लेकिन ज्यादातर जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष अभी तक अपनी टीम नहीं बना पाए हैं। जबकि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए संगठन मजबूत करने का दावा कर रही है। हालांकि पीसीसी में बैठे संगठन के पदाधिकारी लगातार जिलों एवं ब्लॉक पदाधिकारियों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन यह कार्यक्रम सिर्फ पत्राचार तक सीमित है। इसी तरह सभी प्रकोष्ठों के समन्वय जेपी धनोपिया भी अभी तक सभी जिलों में प्रकोष्ठों की टीम तैयार नहीं कर पाए हैं। धनोपिया की परेशानी यह है कि उन्हें हर नियुक्ति के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ के पास जाना पड़ता है। पीसीसी चीफ लगातार जिलों का प्रवास कर रहे हैं, ऐसे में उनसे मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता है। हालांकि भोपाल में प्रवास के दौरान रोज शाम को पीसीसी से बुलाकर पदाधिकारियों से फीडबैक लेते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पदाधिकारियों ने नियमित तौर पर बैठना जरूर शुरू कर दिया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर के पास कोई बड़ा काम नहीं है। चूंकि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए टिकट के लिए दावेदारों का आना-जाना बढ़ गया है। इसलिए पदाधिकारी अपने-अपने कक्ष में जाकर चेहरा दिखाने के लिए बैठे दिखाई दे रहे हैंं। जबकि जिन पदाधिकारियों को पीसीसी में चुनाव और संगठन से जुड़ा काम दे रखा है, उनके बीच बेहतर तालमेल की कमी दिखाई दे रही है।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने यूं तो प्रवक्ताओं की लंबी सूची चौड़ी सूची जारी कर दी है। जबकि पीसीसी चीफ से लेकर प्रदेश कांग्रेस की मीडिया के माध्यम से छवि चमकाने की जिम्मेदारी मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा और कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले के भरोसे हैं। दोनों नेता ही सरकार और भाजपा पर हमलावर बने हुए हंै। जबकि कांग्रेस के ज्यादातर प्रवक्ता ट्वीटर और सोशल मीडिया से आगे नहीं बढ़े हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस की मीडिया टीम की बैठक व्यवस्था बदली गई है। कुछ पदाधिकारियों को आधारतल पर बैठने की जगह दे दी है। नई व्यवस्था से मीडिया के कुछ पदाधिकारी मुंह फुलाए घूम रहे हैं।

मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च     |     आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असम पुलिस को बड़ी कामयाबी, 8 आतंकियों को किया गिरफ्तार     |     कश्मीर में चिल्लई कलां शुरू, श्रीनगर में जमी डल झील ,पाइप लाइन में जमा पानी     |     प्यार, रेप, शादी फिर घर से निकाला, UP पुलिस के सिपाही ने दिया ऐसा दर्द; कमिश्नर को बताई आपबीती     |     संजय राउत के बंगले के बाहर संदिग्ध ‘रेकी’ के मामले में पुलिस दो संदिग्धों को छोड़ा     |     NCP में अलग-थलग पड़े छगन भुजबल, क्या लेंगे कोई बड़ा फैसला? अटकलें तेज     |     बिहार: दरभंगा में घर में छिपाकर रखे आठ थे मगरमच्छ, 3 तस्करों को पुलिस ने दबोचा     |     14 बिल पर 2 मुद्दे भारी…शीतकालीन सत्र में संसद के 65 घंटे कैसे हो गए बर्बाद?     |     51 करोड़ रुपये लागत, 176 लग्जरी कॉटेज; प्रयागराज महाकुंभ में डोम सिटी हिल स्टेशन जैसा देगी अहसास     |     PM मोदी 65 बार नॉर्थ ईस्ट आए, कोई ना कोई तोहफा लाए: अमित शाह     |