राजगढ़ । जनपद पंचायत ब्यावरा में लंबे समय से पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके ओझा पर मंगलवार को निलंबन की गाज गिरी। भोपाल कमिश्नर कार्यालय द्वारा निलंबन के आदेश जारी किए गए। सोमवार को स्थानीय विधायक रामचंद्र दांगी ने जनपद सीईओ के भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर व कमिश्नर से शिकायत की थी। प्रारंभिक जांच के बाद कमिश्नर कार्यालय द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया।
रिश्वत का वीडियो किया पेश
जनपद सीईओ केके ओझा विरूद्ध यह पहली शिकायत नहीं थी, इसके पूर्व भी तत्कालीन जनपद अध्यक्ष व कई सरपंचों, सचिव व रोजगार सहायकों द्वारा विभिन्न मामलों को लेकर आरोप लगा चुके है और इसकी शिकायत विभिन्न स्तरों पर कर चुके है। जानकारी के अनुसार विधायक दांगी ने ब्यावरा जनपद की बालचिड़ी पंचायत के सरपंच व जनपद सीईओ के मध्य बातचीत का एक वीडियो साक्ष्य के तौर पर कलेक्टर के समक्ष पेश किया। जिसमें जनपद सीईओ केके ओझा 25 हजार रूपये की मांग करते हुए दिखाई दे रहे है। हालांकि इस वीडियो की पुष्टि नवदुनिया नहीं करता है, लेकिन यही
वीडियो कार्रवाई का आधार बना
जारी किए गए निलंबन आदेश में कहा गया है कि निलंबन आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। कमिश्नर ने जनपद सीईओ केके ओझा को रिश्वत लेने साक्ष्यों के आधार पर प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत निलंबित किया गया। अब सीईओ का मुख्यालय रायसेन जिला पंचायत रहेगा
नहीं होने देंगे भ्रष्टाचार
शिकायतकर्ता व स्थानीय विधायक रामचंद्र दांगी ने बताया कि जनपद सीईओ के विरूद्ध लंबे समय से भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायते प्राप्त हों रही थी, उनके द्वारा निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों के वाजिब काम भी बिना रिश्वत के नहीं कियें जा रहे थे। कई बार मैंने उनको चेताया पर उनकी कार्यप्रणाली मे सुधार नहीं हुआ। इस संबंध में हमारे एक निर्वाचित सरपंच से उन्होंने रिश्वत की मांग की। मैंने इसका वीडियो सोमवार को जिला कलेक्टर को प्रेषित किया और उनसे प्रमाण के साथ शिकायत की। मंगलवार को मेरे द्वारा भोपाल पहुंचकर मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव से मिलकर भ्रष्टाचार की शिकायत की। परिणामस्वरूप जनपद सीईओ को निलंबित कर दिया गया है। हम भले विपक्ष में हैं, लेकिन भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और संघर्ष करते रहेंगे। विधायक दांगी ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा शासन गले गले भ्रष्टाचार मे डूबा हुआ है।