अफ्रीकी देश सूडान में लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना (IAF) और गरुड़ कमांडो ने सूडान में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए रातभर अभियान चलाया। हालांकि, इस दौरान सूडान के वादी सयीदिना में स्थित हवाई पट्टी पर लैंडिंग लाइट्स या कोई नेविगेशन की सुविधा नहीं थी।भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा कि 27, 28 अप्रैल की रात को IAF के C-130J विमान ने वादी सयीदिना में एक छोटी हवाई पट्टी से 121 कर्मियों को रेस्क्यू किया है, ये इलाका सूडान की राजधानी खार्तूम से लगभग 40 किमी उत्तर में स्थित है।
बयान में बताया गया कि हवाई पट्टी पर रेस्क्यू मिशन के लिए कोई सुविधा नहीं थी। हालांकि, एयरक्रू ने अपने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रा-रेड सेंसर का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि रनवे किसी भी बाधा से मुक्त हो और आसपास कोई फोर्स न हो। इसके बाद एयरक्रू ने रात में नाइट विजन गॉगल्स की मदद से विमान को लैंड कराया।बता दें कि विमान की लैंडिंग के बाद भी इंजन को बंद नहीं किया गया था। इस दौरान भारतीय वायु सेना के आठ गरुड़ कमांडो ने यात्रियों और उनके सामान को विमान में सुरक्षित पहुंचाया। आईएएफ ने एक बयान में कहा कि यात्रियों में एक गर्भवती महिला भी थी, जिनके पास पोर्ट सूडान पहुंचने का कोई साधन नहीं था।
इस काफिले का नेतृत्व भारतीय रक्षा अताशे ने किया था, जो भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे, जब तक वे वादी सयीदिना में हवाई पट्टी पर नहीं पहुंचे। वादी सयीदिना और जेद्दाह के बीच लगभग ढाई घंटे तक चला था।इससे पहले शुक्रवार को ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीय वायु सेना की C-130J उड़ान का 12वां जत्था सूडान से 135 यात्रियों को लेकर जेद्दा के लिए रवाना हुआ। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को बताया कि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत अब तक 2,100 भारतीय जेद्दाह पहुंच चुके हैं। इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पोर्ट सूडान में तैनात आईएनएस सुमेधा भी संकटग्रस्त देश से 300 यात्रियों के साथ जेद्दा के लिए रवाना हो गया है। यह आईएनएस सुमेधा का 13वां जत्था है, जो भारतीयों को वापस लेकर जेद्दा जा रहा है।