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 बेमौसम बरसात से खुले में रखे सोयाबीन व गेहूं भीगे

भोपाल । प्रदेश की उज्जैन और खाचरौद कृषि उपज मंडी में बेमौसम बरसात से हजारों बोरी सोयाबीन व गेहूं के बोरे तरबतर हो गए। डोम में रखे गेहूं के ठप्पे भी गीले हो गए। नालियां जाम होने के चलते थोड़ी देर की बरसात से नालों का पानी सड़क पर आ गया। गुरुवार की बीती रात व शुक्रवार को दिनभर रुक रुककर हुई जोरदार बरसात ने कृषि उपज मंडी में खुले में रखे हजारों क्विंटल गेहूं को तरबतर कर दिया। सोया प्लांटों को भेजे जाने के लिए रखे सोयाबीन के ढेर को भी गीला कर दिया। जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है। कारोबारी निमेष अग्रवाल ने बताया कि देशावर में भेजने के लिए करीब 15 हजार क्विंटल गेहूं का स्टेक लगा हुआ था। जो परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं होने से रह गया। इस दौरान वर्षा होने से गीला हो गया। कलर डेमेज होने से काफी नुकसान हुआ है। बारिश तेज होने से व्यापारियों को अपनी उपज को संभालने का मौका न मिल पाने से करीब 20 हजार बोरी गेहूं भीग गया। डोम में भी पानी आ जाने से यहां पर रखी उपज की बोरियां भी गीली हो गई। दिनभर किसानों को भी नीलामी से लेकर तोल करने तक में परेशान होना पड़ा। शुक्रवार को करीब 20 हजार बोरी गेहूं की आवक रही। उधर खाचरौद में मौसम के एकाएक परिवर्तन के साथ ही शाम को नगर में तेज वर्षा से पूरे क्षेत्र में ठंडक घुल गई। शुक्रवार शाम 4 बजे से नगर में रुक-रुककर तो कभी तेज वर्षा से पूरा अंचल तरबतर हो गया। इस बिन मौसम बरसात से नगर की नवीन एवं पुरानी कृषि उपज मंडी में खुले में पड़ा व्यापारियों का हजारों क्विंटल गेहूं पानी से खराब होने के साथ ही व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया। इधर मंडी व्यापारी निशित सिसोदिया ने बताया कि कृषि उपज मंडी में व्यापारियों को कई वर्षों से मंडी समिति गोडाउन आवंटन नहीं कर रही है, जिसके कारण व्यापारियों को अपना माल खुले में रखना पड़ता है। इस कारण उन्हें इस प्रकार बिन मौसम हो रही बरसात से लाखों रुपये का नुकसान होता है, जबकि व्यापारियों ने कई बार मंडी समिति के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन देकर भी गोदाम आवंटन की प्रक्रिया सरल सहज करने की कोशिश की। लेकिन सफलता नहीं मिली। जिससे माल खुले में पड़ा रहने से व्यापारियों को भारी नुकसान होता है।

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