Utensils stolen: पैसा-धेला या कोई दूसरा कीमती सामान नहीं, अब जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाखों के बर्तन गायब होने का मामला सामने आया हैं। जिसकी लगभग पांच लाख रुपये कीमत बताई जा रही हैं। गायब हुए नए बर्तन कोरोनाकाल के बाद खरीदे गए थे।
दरअसल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के लिए मेस खुलना था। ताकि यहां रहने वाले छात्र-छात्राओं को खान-पान के लिए परेशनियां न उठाना पड़े। इसकी तैयारियों के पहले बर्तन खरीदे गए । बाद में टेंडर झमेले में पड़ा तो मेस खुलने का प्लान टल गया। इसके पीछे कई और वजहें रही।
सालों बाद यूनिवर्सिटी को बर्तनों की याद आई और जिस जगह रखवाए गए थे, वहां देखा तो एक चम्मच तक नहीं मिली। जबकि कई नग गंज, कड़ाई, करछल, थालियां और सामग्री की खरीदी हुई थी। देखरेख की जिम्मेदारी जिस विभाग पर जिम्मेदारी थी, उसके अधिकारियों की अब बोलती बंद हैं।
हैरानी इस बात की हैं कि ग्लास चम्मच जैसी चीजे गायब हुई हो तो कोई समझे कि थैले में रखकर ले गया होगा, लेकिन भारी भरकम गंज, कड़ाई भी गायब हैं। अब गायब बर्तनों का पता लगाने के अलग से टीम बनाई गई हैं।
कुलपति कपिलदेव मिश्रा का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है, कि यूनिवर्सिटी का सामान गायब हो रहा हैं। गठित टीम की जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर अब FIR भी दर्ज कराई जायेगी। पढ़ाने-लिखाने वाले लोग अब बर्तनों का पता लगाने में जुटे है। इधर हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट कहना है कि पहले जो बैच रहता था, उनके कार्यकाल में बर्तन आए थे। कुछ दिनों पहले कई उत्पाती छात्रों को निकाला गया। ABVP ने शक जताया है कि अधिकारियों की मिली भगत से इस करतूत को उन्ही स्टूडेंट्स ने अंजाम दिया है। अब देखने है कि जांच कब तक पूरी होती है और बर्तन चोर का पता लग पाता है या नहीं?