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मध्यप्रदेश

सरेंडर…. जेल… जमानत और रिहाई घंटों में कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ शवयात्रा में था मुलजिम

पूर्व विधायक गोपी नेमा के घर हमले में पुलिस ने जिसे मास्टर माइंड बताकर मुलजिम बनाया था, दस हजार रुपए का इनाम रखने के साथ-साथ मकान-ऑफिस भी तोड़ दिए थे, रासुका की थी। उसे कोर्ट से तुरंत से जमानत मिल गई। मुलजिम घटना के समय मौके पर नहीं था। कल दोपहर में मुलजिम पेश हुआ, जेल गया, जमानत हुई और रिहाई भी हो गई।

16 नवंबर 2020 को शाम सवा पांच बजे पूर्व विधायक नेमा के घर साउथ राजमोहल्ला के पास जंगमपुरा में दीवाली मिलने असलम, फैयाज और बख्शान खान गए थे। इस दौरान फैयाज को ढूंढते हुए भीड़ आई और हमला कर दिया, नेमा के घर में तोडफ़ोड़ की। नेमा ने घर में छुपकर जान बचाई थी। इस मामले में पुलिस ने 23 लोगों को मुलजिम बनाया था। हमले का मास्टर माइंड मनोहर वर्मा निवासी रावजी बाजार जूनी इंदौर को बताया था। वर्मा के मकान और ऑफिस को अवैध बताकर तोड़ दिया गया था, रासुका भी की थी। उसके खिलाफ फरारी में चालान पेश किया था। सवा साल से वो फरार था, इसलिए स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बीस मुलजिमों को अपर सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने बरी कर दिया था।

प्रिंसिपल का शपथ-पत्र

मनोहर को कल दोपहर बारह बजे प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूजा अहिरवार की कोर्ट में सरेंडर करवाया गया। यहां से दोपहर दो बजे उसका जेल वारंट कटा। पुलिस पहले उसे कोरोना की जांच और फिर जिला अस्पताल मेडिकल करवाने ले गई। पांच बजे सेंट्रल जेल में छोड़ दिया। मनोहर की तरफ से एडवोकेट संजय जैन और सूरज उपाध्याय ने जमानत आवेदन लगाया था, जिसकी सुनवाई दसवें अपर सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने की। उन्हें बताया गया कि जिस समय की घटना बताई है उस समय लेबड़ में मुकेश गौतम के परिवार में गमी हुई थी, मनोहर क्रिश्चियन कॉलेज के प्रिंसिपल अमित डेविड के साथ लेबड़ गया था। बात के समर्थन में गौतम और डेविड ने शपथ-पत्र दिए। कोर्ट को ये भी बताया कि पूर्व विधायक नेमा से लेकर तो ग्यारह गवाहों ने वर्मा का नाम नहीं लिया है, घटना का समर्थन भी नहीं किया है। कोर्ट ने तीन लाख रुपए की जमानत दी। शाम छह बजे सेंट्रल जेल रिहाई का आदेश पहुंचा। पौने सात बजे मनोहर जेल से बाहर आ गया।

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