इंदौर । इंदौर में जैन और गुर्जर समाज के बीच गोम्मटगिरि पहाड़ी के एक हिस्से पर आधिपत्य का विवाद हर दिन गहराता जा रहा है। समाज के बड़े संतों के आह्वान के बाद समाज एकजुट होकर तीर्थक्षेत्र की सुरक्षा के लिए दीवार बनाने की तैयारी में जुट गया है। इसमें समाजजन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा कि बाउंड्रीवाल बनाने जाते हैं तो मजदूरों पर पत्थर फेंके जाते हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन को उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार बाउंड्रीवाल निर्माण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
भगवान बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत मोदी ने कहा कि ट्रस्ट 2015 से शासन द्वारा प्रदान की गई ग्राम नैनोद और बड़ा बांगड़दा में 53.11 एकड़ और जम्बूड़ी हप्सी में 12.49 एकड़ भूमि बाउंड्रीवाल और दरवाजा बनाने का प्रयास कर रहा है। जब भी प्रयास किया जाता है डालचंद गुर्जर और अन्य लोग मजदूरों पर पत्थर बरसाते हैं और डंडे के जोर पर काम नहीं करने देते। हमने कई बार सुरक्षा की मांग की लेकिन सुरक्षा नहीं दी जाती है।
उपलब्ध नहीं करवा रहे सुरक्षा
मोदी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए ट्रस्ट को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। अब समाज एकजुट होकर बाउंड्रीवाल बनाने वाला है। इसके लिए जैन समाज के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।
‘आरोप निराधार, गुर्जर समाज की आस्था का केंद्र देवधरम टेकरी’
जैन समाज का कहना है कि भगवान देवनारायण मंदिर का निर्माण 2006-2009 में और मंदिर का रास्ता 2010-11 व धर्मशाला वर्ष 2016-17 में बाहुबल के दम पर बनाई गई है। इधर, गुर्जर समाज के कोषाध्यक्ष डालचंद गुर्जर का कहना है कि ट्रस्ट द्वारा निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। इस स्थान की पहचान देवधरम टेकरी के रूप में है, जो 1200 साल से समाजजन की आस्था का केंद्र है। ट्रस्ट ने जैन संतों को भी आधी-अधूरी जानकारी देकर भ्रमित किया है। हम भी उनके सामने अपना पक्ष रखेंगे। हम अपने धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध हैं।