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मध्यप्रदेश

राठौर कोचिंग ने थामा हाथ गरीबी के चलते बच्चे छोड़ चुके थे पढ़ाई,300 रुपए महीने में दी शिक्षा 10 वी 12 वी कक्षा में 98 प्रतिशत विद्यार्थी हुए सफल

इंदौर में सुपर 42 बस्तियों से निकाल छात्रों को बनाया अव्वल अब यूट्यूब पर भी लग रही क्लास

इंदौर के पंढरीनाथ क्षेत्र में भरत राठौर राठौर कोचिंग चलाते है। पिछले 6 सालों से बस्तियों के विद्यार्थियों को शिक्षित कर रहे है। पिछले दिनों एमपी बोर्ड के रिजल्ट में राठौर सर के निर्देशन में छात्रों ने सफलता हासिल की है। राठौर का कहना है कि महीने की 300 रुपए फीस में उन बच्चों को शिक्षा दी गई थी जो तालाबंदी के बाद से शिक्षा से दूर हो चुके थे। कोचिंग तक आना छोड़ चुके थे।

पंढरीनाथ क्षेत्र के आसपास लगी बस्तियों में साक्षरता का अभाव है। ऐसे में बढ़ती महँगाई के चलते गरीबी में जीवन गुजार रहे लोग अपने बच्चों को काम पर भेज रहे थे। इसका कारण था पैसा ना होना। रोज कमाकर खाने वालों के लिए शिक्षा एक चुनौती बन चुकी थी। सरकारी स्कूलों में सरकार ने भले फीस कम रखी है। लेकिन शिक्षकों के मार्गदर्शन के अभाव में छात्र अव्वल नही हो पा रहे है। ऐसे में राठौर कोचिंग ने उन विद्यार्थियों का हाथ थामा जो गरीबी के चलते मजदूरी कर रहे थे। शिक्षक के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने सफलता का परचम भी लहरा दिया है। 10 और 12 वी के परीक्षा परिणामों में 42 विद्यार्थी पास हुए है। राठौर  ने बताया कि जबरन कॉलोनी की एक छात्रा तालाबन्दी के बाद फीस नही होने के चलते कोचिंग नही आ रही थी। तब उसके घर पहुंच कर उसकी समस्या जानी। तब पता चला कि पैसे के अभाव में पढाई छोड़ रही थी। तभी राठौर ने उक्त छात्रा को दोबारा कोचिंग आने के लिए कहा और बगैर किसी फीस के पढ़ाना शुरू किया। जिसके बाद उक्त छात्रा ने परीक्षा परिणाम में सफलता हासिल की है। राठौर का कहना है कि 300 रुपए महीना इस लिए लिया जा रहा है ताकि विद्यार्थी उस पैसे की कद्र समझकर पढ़ाई पर ध्यान दे सके। राठौर खुद एक कच्चे मकान में रहते है।

10 वी के 22 और 12 वी के 19 विद्यार्थी पास

राठौर कोचिंग में कुल 44 छात्र है। जिसमे 25 ने 10 वी की परीक्षा दी थी। जिसमे कुल 22 परीक्षा में पास हुए है। जबकि 12 वी कक्षा के कुल 19 विद्यार्थियों में से 10 पहले स्थान पर रहे है। वहीं बाकी 9 ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।

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