अमेरिका और उत्तरी कोरिया के मध्य विवाद ( US and North Korea Relations Issue in hindi)
अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यह सारा मसला अमेरिका का सीरिया पर अमेरिका द्वारा किये गये हमले के बाद से शुरू हुआ. उत्तरी कोरिया इस समय एक ऐसे तानाशाह के हाथों में है, जो स्वयं अपने देश में कई तरह के प्रतिबन्ध लगाए हुए है. कोरिया के अमेरिका से नफरत करने के कई विशेष कारण हैं. यहाँ पर इस मुद्दे से सम्बंधित सभी आवश्यक बातों का वर्णन किया जा रहा है.
अमेरिका और उत्तरी कोरिया का वर्तमान विवाद (US and North Korea Latest Issue)
उत्तरी कोरिया पिछले कई दिनों से अपने नयूक्लेअर हथियारों का टेस्ट लगातार किये जा रहा है. इस वजह से अमेरिका को काफ़ी परेशानी हो रही है. उत्तरी कोरिया अपनी नाभिकीय शक्ति का प्रचार विश्वभर में कर रहा है. उत्तरी कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग ने लगातार अपने न्यूक्लियर पॉवर टेस्टिंग किये हैं. इससे हालाँकि अमेरिका मेनलैंड को कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता, क्योंकि इन मिसाइलों की मारक क्षमता इतनी नहीं है. किन्तु इससे जापान और दक्षिणी कोरिया की सुरक्षा पर बहुत बड़ी सेंध लग सकती है. उत्तरी कोरिया के नापाक हरकतों को देखते हुए हालही में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प ने ये कहा है कि जो भी देश अमेरिका के लिए बुरी नियत रखता है, उसे बक्शा नहीं जाएगा. डोनाल्ड ट्रम्प का जीवन परिचय यहाँ पढ़ें.
अमेरिका और उत्तरी कोरिया के संबंध का इतिहास (US and North Korea Relations Hory in hindi)
इतिहास में भी उत्तरी कोरिया के सम्बन्ध अमेरिका के साथ अच्छे नहीं रहे हैं. कोरियाई युद्ध के समय संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अन्य 15 एलाइ के साथ उत्तरी कोरिया और उसके चीनी एलाइ के साथ युद्ध किया था. इस युद्ध में दोनों गुटों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके बाद अमेरिका और उत्तरी कोरिया के मध्य एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर हुआ था, किन्तु इन दोनों देशों के बीच कभी भी कोई शान्ति सम्बंधित संधि नहीं हुई. इस कारण आज भी दोनों देशों के मध्य खूब तनाव रहता है और युद्ध तक की भी स्थिति आ जाती है.
उत्तरी कोरिया का अमेरिका से नफरत करने की वजह (Why does North Korea Hate US So Much)
उत्तरी कोरिया का अमेरिका से नफरत करने के चार मुख्य कारण है, इसका वर्णन निम्नलिखित है.
आमेरिका द्वारा जापान का समर्थन : साल 1910 से 1945 के दौरान जापानी कोलोनियल ने कोरिया पर राज किया था. उदाहरण के लिए आप ये समझ सकते हैं, कि जिस तरह से ब्रिटिश ने भारत पर राज किया और यहाँ के लोगों पर अत्याचार किये, ठीक उसी तरह से जापानियों ने भी कोरिया पर राज करते हुए वहाँ के लोगों पर अत्याचार किये. हालाँकि यह ध्यान देने वाली बात है कि ब्रिटेन ने भारत पर अत्याचार तो किये किन्तु यहाँ की संस्कृति को ख़त्म करने की कोशिश नहीं की, किन्तु जापान ने हर तरह से कोरियाई संस्कृति को समाप्त करने की कोशिश की. इस समय जापानी शासन ने कोरिया के अन्दर ही कोरियाई भाषा के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. इस समय जो भी व्यक्ति यहाँ पर कोरियाई भाषा बोलते हुए पकड़ा जाता था, तो उसे मौत की सजा दी जाती थी. इस समय जापानी शासन ने कोरिया के लोगों पर हर तरह से अत्याचार किये और यहाँ के लोगों का जीवन नरक हो गया था. ध्यान देने वाली बात है चूँकि जापान ने कोरिया पर कई तरह के अत्याचार किये और अमेरिका लगातार जापान का समर्थन करता रहा. अतः कोरियाई लोग अमेरिका से नफरत करते हैं.
कोरियाई युद्ध : इसे कोरियाई युद्ध के नज़रिए से भी परखा जा सकता है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जब कोरिया जापान से आज़ाद हुआ, तो इस समय कोरियाई पेनिन्सुला दो भागों में बट गया था. ये दो भाग थे उत्तरी कोरिया और दक्षिणी कोरिया. उत्तरी कोरिया का ये मानना था कि ये दोनों भाग मिल कर एक राष्ट्र कोरिया का निर्माण करेंगे. इसी वजह से 1950- 53 के बीच उत्तरी कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर इस उम्मीद के साथ हमला किया कि वह दक्षिण कोरिया को अपने में मिलाने में सक्षम हो जायेगा. इस युद्ध में उत्तरी कोरिया को काफ़ी सफलता प्राप्त हुई और उत्तरी कोरिया ने दक्षिण कोरिया के लगभग 98% हिस्से में अपना क़ब्ज़ा जमा लिया. इसी समय इस युद्ध में अमेरिका ने भाग लिया और दक्षिण कोरिया की तरफ से लड़ते हुए दक्षिण कोरिया को उत्तरी कोरिया के हाथ से बचा लिया. इस वजह से उत्तरी कोरिया के लोग उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के एक ना होने की वजह अमेरीका को ही मानते हैं.
मरीकी राजनीति और वियतनाम युद्ध : यह उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच के तनाव का तीसरा मुख्य कारण है. ध्यान देने वाली बात है कि वियतनाम युद्ध में अमेरिका बहुत बुरी तरह से हारा था. इस हार से उसकी अर्थव्यवस्था इस तरह से चरमरा गयी कि अमेरिका दो भागों में बंट गया और लगभग विभाजित होने के कगार पर आ गया. इस समय अमेरिकी जनता अपने सरकार पर यह दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी कि अमेरिका को अपनी सेना कम कर देनी चाहिए और अन्य देशों के मसलों में दखलंदाजी भी बंद कर देनी चाहिए. इस समय अमेरिका विश्वभर में सुपर पॉवर बनने का सपना देख रहा था, अतः उसके लिए सेना कम करना नामुम्किन था. इस समय अमेरिकी सरकार के अपने सामने उत्तरी कोरिया के रूप में एक ऐसे शत्रु को खड़ा किया, जो अमेरिका को चुनौतियाँ तो दे, किंतु इसका कुछ बिगाड़ ना सके. यही वजह है कि जब भी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की अपरोल रेटिंग कम होनी शुरू हो जाती है, तो उत्तरी कोरिया का मुद्दा अपने आप खड़ा हो जाता है.
अमेरिका द्वारा लगाये गए प्रतिबंध : इस तनाव का चौथा सबसे मुख्य कारण है अमेरिका द्वारा उत्तरी कोरिया पर लगाए जाते रहे प्रतिबन्ध. हालाँकि अमेरिका ने उत्तरी कोरिया के रूप में अपना एक दुश्मन बना लिया और बहुत जल्द अमेरिकी शासन उत्तरी कोरिया पर विभिन्न तरह के प्रतिबन्ध लगाने आरम्भ कर दिए. यह प्रतिबन्ध अमेरिका कभी मिसाइल के नाम पर तो कभी नयूक्लेअर हथियारों के नाम पर लगाने शुरू किये. इस तरह प्रतिबंधों का उत्तरी कोरिया के अर्थनीति पर बहुत बुरा असर पड़ा और वहाँ के लोगों के लिए भोजन भी प्राप्त होने मुश्किल हो गये. हालाँकि इन प्रतिबंधों के पीछे अमेरिका का उद्देश्य ये था कि प्रतिबंधों से हालात बिगड़ने पर उत्तरी कोरिया के लोग वहाँ के सरकार के विरुद्ध खड़े होंगे. किन्तु हर बार पासा उल्टा होता रहा. कोरियाई लोग अपने सभी परेशानियों का जिम्मेवार अमेरिका को मानते रहे. इस वजह से भी अमेरिका और उत्तरी कोरिया में तनाव बना रहा.
दक्षिणी कोरिया का जापान और अमेरिका से सम्बन्ध (South Korea Japan and US Relations Hory)
उत्तरी कोरिया और दक्षिण कोरिया के मध्य एक बहुत गहरा तनाव चलता रहा है. इन दोनों देशों में ऐतिहासिक युद्ध भी हुआ है, अतः यहाँ पर दक्षिण कोरिया का जापान और अमेरिका से सम्बन्ध को सीधे रूप से समझा जा सकता है. द्वीतीय विश्वयुद्ध के बाद कोरिया दो भागों में बट गया था. इस समय उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण करके अपने अधीन करना चाहा था. इस युद्ध में अमेरिका ने दक्षिणी कोरिया का साथ दिया तो इस वजह से दक्षिणी कोरिया का सम्बन्ध अमेरिका के साथ अच्छा हो गया, और तब से उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच विरोध और भी बढ़ता गया.
हालाँकि जापानियों से दक्षिण कोरिया के लोग भी उतना ही नफरत करते हैं, जितना कि उत्तरी कोरिया के लोग. किन्तु दक्षिण कोरिया को उत्तरी कोरिया से कई तरह के संकट हो सकते हैं, जिस वजह से दक्षिणी कोरिया को जापान और अमेरिका का साथ देना पड़ता है ताकि वह उत्तरी कोरिया से अपना अस्तित्व बचाए रख सके.