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चुनावी पसंद का अवमूल्यन कर रही हैं ममता:अमित मालवीय 

नई दिल्ली। भाजपा के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पर पलटवार किया और कहा कि विधानसभा चुनाव के जनादेश पर सवाल उठाकर वह लोगों की चुनावी पसंद का अवमूल्यन कर रही हैं। बनर्जी ने चार राज्यों में भाजपा की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘‘यह जीत जनादेश का सही प्रतिबिंब नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर चुनावी मशीनरी का उपयोग करके वोट लूटने का आरोप भी लगाया। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे गुरुवार को आए थे।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में फिर से सत्ता में वापसी की जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। मालवीय ने कहा कि लगातार प्रयासों के बावजूद ममता बनर्जी विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की अपनी मंशा पर सहमति नहीं बना सकी। पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में फैली हिंसा का उल्लेख करते हुए मालवीय ने कहा कि बनर्जी को मुख्यमंत्री और बंगाल के गृह मंत्री के रूप में पहले अपने ट्रैक रिकार्ड को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मई 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत के इतिहास की ‘‘सबसे भयावह चुनाव उपरांत हिंसा’’ हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में मिली शानदार सफलता को जनादेश का सही प्रतिबिंब ना होना बताना लोगों की चुनावी पसंद का अवमूल्यन है।’’ ममता बनर्जी की आकांक्षाओं का जिक्र करते हुए मालवीय ने कहा, ‘‘विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के अपने ख्याल पर वह सहमति बनाने में भी विफल रहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पूछना चाहिए कि आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे दलों के अन्य उम्मीदवार, बगैर कांग्रेस के उन्हें ऐसी किसी संभावना के केंद्र में देखते हैं।’’ मालवीय ने सवाल किया कि इन दलों के पास किसी तरह सत्ता हासिल करने के अलावा देश को लेकर कोई दृष्टि भी है क्या? ज्ञात हो कि बनर्जी ने भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्षी गठबंधन के अपने आह्वान को दोहराते हुए यह भी कहा कि ‘‘बेकार बैठे’’ रहने और कांग्रेस का इंतजार करने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में जीत हासिल करने पर पार्टी (भाजपा) को अधिक हल्ला नहीं करना चाहिए। यह जीत लोगों के जनादेश का सही प्रतिबिंब नहीं है। यह फैसला वोटों को लूटने के लिए चुनावी मशीनरी के खुले तौर पर इस्तेमाल के कारण है।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी के) जनादेश के कारण नहीं बल्कि वोटों की लूट के कारण हारे हैं।

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