रायपुर: कहते हैं राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। सत्ता का लोभ ऐसा होता है कि कभी कभी तो रिश्तों में भी दरार आ जाती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में गुरू -शिष्य का अनोखा रिश्ता देखने को मिला, जहां शिष्य ने गुरु को 67 हजार वोट से चुनाव हराया। लेकिन अपनी जीत के बाद भी गुरु के पैर छूकर आशिर्वाद लिया।
गुरु शिष्य के प्यार और सम्मान की ये कहानी रायपुर दक्षिण विधानसभा की है। जहां शिष्य बृजमोहन अग्रवाल अपने गुरु महंत राम सुंदर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में बृजमोहन ने गुरु महंत दास को 67 हजार वोट से हराया। लेकिन जीत का जश्न मनाने और अपने राजनीतिक सफर में आगे बढ़ने से पहले उन्होंने अपने गुरु महंत राम सुंदर दास का आशीर्वाद लिया।