जबलपुर। महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों सहित कम वेतन प्राप्त करने वाले निजी कर्मचारियों के लिए सुखद समाचार है। इएसआइ योजना में सम्मिलित इन श्रमिकों और कर्मचारियों को शीघ्र ही 24 घंटे उपचार की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 100 बिस्तर वाला अस्पताल बनाने के लिए जबलपुर में जगह चिन्हित कर ली गई है। कृषि विश्वविद्यालय की पांच एकड़ जमीन पर बीमा या इआइसीएस अस्पताल को आकार दिया जाएगा।
स्वीकृति प्राप्त होते ही निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी
इस पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद जमीन आवंटन का प्रस्ताव राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया गया है। स्वीकृति प्राप्त होते ही अस्पताल की संरचना और निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। अस्पताल के बनने से महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में पंजीकृत डेढ़ लाख से अधिक न्यून वेतन वाले निजी कर्मचारियों को उपचार की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।
इसलिए रिछाई के पास ढूंढा स्थान
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सहयोग से बीमा अस्पताल बनाया जाना है। जिला प्रशासन की ओर से बीमा अस्पताल के दो स्थान प्रस्तावित किए गए थे। लेकिन शहर और आसपास के जिलों में इएसआइ योजना के लाभार्थियों में बड़ी संख्या आैद्योगिक श्रमिकों की है। रिछाई और अधारताल औद्योगिक क्षेत्र है। यहां कार्यरत श्रमिकों की सुविधा की दृष्टि से बीमा अस्पताल के लिए रिछाई फ्लाईओवर के पास स्थित कृषि विश्वविद्यालय की भूमि को उपयुक्त पाया गया। सतना, कटनी से आने वाले लोगों के लिए भी यह स्थान सुविधानक है। इसलिए महाराजपुर वीकल मोड़ से अधारताल रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग पर रिछाई फ्लाईओवर से पहले अस्पताल बनाने पर सहमति बनी है। यह स्थान कृषि विवि के भंडार गृह से लगा हुआ है।
सुबह चार, शाम को दो घंटे खुलती है डिंस्पेंसरी
कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत पात्र कर्मचारियों और उनके स्वजन के उपचार के लिए अभी महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में डिंस्पेंसरी संचालित होती है। यह डिस्पेंसरियां जबलपुर सहित निवार, सतना, कटनी और शहडोल जिले के अमलई में है। मैहर और कैमोर में भी डिंस्पेंसरी प्रारंभ करने स्वीकृति प्राप्त हुई है। डिंस्पेंसरियां अभी दो पारियों में संचालित होती है। जहां, सुबह सुबह 7:30 से पूर्वान्ह 11:30 और शाम 4:30 से 6:30 बजे तक मरीजों की जांच और उपचार होता है। 100 बिस्तर के प्रस्तावित बीमा अस्पताल में रूटीन ओपीडी के साथ ही आकस्मिक सेवा कक्ष होगा। हर वक्त चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। मेडिसिन, शिशु, स्त्री, अस्थि, नेत्र सहित समस्त प्रकार के विशेषज्ञ उपचार की सुविधा रहेगी।
इनके लिए बड़ी सौगात है
ईएसआइ योजना में 21 हजार रुपये या इससे मासिक आय वाले कर्मचारियों को नि:शुल्क उपचार की सुविधा प्राप्त होती है। बीमित कर्मचारी के साथ ही उस पर निर्भर स्वजन को भी नि:शुल्क उपचार मिलता है। योजना में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 25 हजार रुपये प्रतिमाह तक है। योजना के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित कारखानों के श्रमिकों और कम वेतन वाले कर्मचारियों को अभी बीमा डिस्पेंसरियों में सीमित उपचार ही मिल पाता है। आकस्मिक स्थिति में डिंस्पेंसरी में उपचार की सुविधा नहीं है।