लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है. लोकतंत्र के महापर्व में लोग अपनी भागीदारी दे रहे हैं. भारी गर्मी के बावजूद मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतार लगी है. दूसरे प्रदेशों में रहने वाले प्रवासी भी अपने गांव अपने शहर मतदान करने के लिए पहुंच रहे हैं. शुक्रवार के बाद अगले छह चरण में और मतदान होने हैं. ऐसे में लोग अपने घर मतदान करने के लिए पहुंचेगे. भारतीय रेल की 185 स्पेशल ट्रेन अगले डेढ़ महीने में 2600 फेरे लगाएगी. रेलवे चुनावी राज्यों में मतदान की तारीखों को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनों का परिचालन करेगी. अनुमान है कि इन ट्रेनों में 50 लाख लोग पैसेंजर सफर कर सकेंगे. रेलवे की तरफ से उत्तर प्रदेश- बिहार के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएगी.
दरअसल 19 अप्रैल से शुरू हुए सात चरणों के मतदान का अंत 1 जून को होगा. अगले डेढ़ माह तक देश में चुनाव के साथ ही स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां का समय रहेगा. ऐसे में लोग देश के बड़े शहरों से अपने गांव अपने शहर की यात्रा करेंगे . ऐसे में भारतीय रेलवे ने लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए योजना तैयार की है.
185 स्पेशल ट्रेन चलाएगी रेलवे
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे अगले डेढ़ माह में करीब 185 स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 2600 फेरे लगाएगी. रेलवे चुनावी राज्यों में मतदान की तारीखों को ध्यान में रख कर स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है. रेलवे को उम्मीद है कि इन ट्रेनों में लगभग 50 लाख यात्रा कर पाएंगे. इसमें सबसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश, बिहार के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाएगा.
मतदान करने वालों के लिए स्पेशल ट्रेन
गर्मियों की छुट्टी के बाद ट्रेनों में यात्रियों का सीट मिलने में परेशानी होती है. खासतौर पर बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र जाने वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. 2019 में गर्मियों की छुट्टी के दौरान ही लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में मतदान के लिए घर जाने वाले यात्रियों की संख्या भी लाखों में है. इसे ध्यान में रखते हुए इस बार स्पेशल ट्रेनों के फेरे बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा रखने की तैयारी रेलवे कर रहा है.
पिछले साल रेलवे की समर स्पेशल ट्रेनों ने छह हजार से अधिक फेरे लगाए थे. जबकि वर्ष 2022 में स्पेशल ट्रेनों ने 4600 फेरे लगाए थे. इस साल 185 रेलगाड़ियों के माध्यम से करीब 2600 फेरों की घोषणा हो चुकी है. पिछले साल बिहार के लिए सबसे ज्यादा ट्रेनों की मांग हुई थी. इसके बाद अबतक बिहार के लिए दो दर्जन ट्रेनों की घोषणा रेलवे कर चुकी है.