ब्रेकिंग
पार्सल में आया बम, डिलीवरी लेते वक्त फटा; 2 लोग जख्मी मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तेज की कार्रवाई, अलग-अलग सफल अभियानों में कई गोला-बारूद बरामद धक्का-मुक्की कांड: कल घायल सांसदों का बयान दर्ज कर सकती है क्राइम ब्रांच, CCTV फुटेज इकट्ठा करने की ... ‘बेशक कुछ लोगों ने…’, भुजबल की नाराजगी पर अब अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी संगीता बलवंत ने नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाने पर उठाए सवाल, कही ये बात बिहार पंचायत के पुस्तकालयों में IAS के पिता की कई किताबें, मंत्री बोले- जांच कराई जाएगी एक दिन बड़ा आदमी बनूंगा…जब भरी महफिल में अनिल कपूर के कपड़ों का बना मजाक तो रोते हुए एक्टर ने खाई कस... सुरेश रैना का 24 गेंदों वाला तूफान, फाइनल में 9 चौके 1 छक्का जड़कर की रनों की बौछार नया बिजनेस शुरू करने के लिए 1 करोड़ काफी नहीं, बिड़ला ने क्यों कही ये बात? तिरुमाला के ‘श्री वेंकटेश्वर मंदिर’ में AI लाने की तैयारी, तीर्थयात्रियों को ऐसे होगा फायदा

संसद भंग और संविधान सस्पेंड…इस अमीर मुस्लिम देश में एक शख्स ने ही पलट दी पूरी सत्ता

तेल से मालामाल खाड़ी देश कुवैत में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. कुवैत के अमीर शेख ने शुक्रवार को देश की संसद को भंग कर दिया. कुवैती मीडिया के मुताबिक अमीर ने संसद भंग करने के बाद कुछ सरकारी विभागों को अपने कंट्रोल में ले लिया है. इसके अलावा अमीर ने देश के कुछ कानूनों को भी भंग कर दिया है.

कुवैत न्यूज एजेंसी KUNA के मुताबिक राष्ट्रीय असेंबली को भंग करने और संविधान के कुछ लेखों को चार साल से ज्यादा के लिए निलंबित करने के अमीर ने आदेश जारी किए है. इसमें आगे लिखा गया है कि अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर नेशनल असेंबली को अपने हाथों में ले रहे हैं.

क्यों किया संसद को भंग?

अमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है. अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है. साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है.

सालों से चल रहा राजनीतिक संकट

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है. देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है. इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं. कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है, लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है.

पार्सल में आया बम, डिलीवरी लेते वक्त फटा; 2 लोग जख्मी     |     मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तेज की कार्रवाई, अलग-अलग सफल अभियानों में कई गोला-बारूद बरामद     |     धक्का-मुक्की कांड: कल घायल सांसदों का बयान दर्ज कर सकती है क्राइम ब्रांच, CCTV फुटेज इकट्ठा करने की कवायद तेज     |     ‘बेशक कुछ लोगों ने…’, भुजबल की नाराजगी पर अब अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी     |     संगीता बलवंत ने नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाने पर उठाए सवाल, कही ये बात     |     बिहार पंचायत के पुस्तकालयों में IAS के पिता की कई किताबें, मंत्री बोले- जांच कराई जाएगी     |     एक दिन बड़ा आदमी बनूंगा…जब भरी महफिल में अनिल कपूर के कपड़ों का बना मजाक तो रोते हुए एक्टर ने खाई कसम     |     सुरेश रैना का 24 गेंदों वाला तूफान, फाइनल में 9 चौके 1 छक्का जड़कर की रनों की बौछार     |     नया बिजनेस शुरू करने के लिए 1 करोड़ काफी नहीं, बिड़ला ने क्यों कही ये बात?     |     तिरुमाला के ‘श्री वेंकटेश्वर मंदिर’ में AI लाने की तैयारी, तीर्थयात्रियों को ऐसे होगा फायदा     |