बच्चे की चाहत में चाचा कातिल बन गया. तांत्रिक के कहने पर उसने अपने ही भाई के बेटे की बलि दे दी. आरोपी चाचा और तांत्रिक ने मिलकर 10 साल के कन्हैया का पहले कलाई काटकर गला रेता फिर उसका पेट फाड़ दिया था. यह जघन्य वारदात 5 साल पहले बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में घटी. 5 साल पहले अपने भतीजे की नरबलि देने वाले आरोपी चाचा और तांत्रिक को कोर्ट ने सजा सुनाई है.
एसी/एसटी स्पेशल कोर्ट ने हत्याकांड में दोषी पाए गए दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी है. अदालत ने आरोपियों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक दंड भी लगाया है. 10 साल के कन्हैया को उसके चाचा शिवानंद रविदास ने हत्या कर दी थी. मृतक बच्चे की मां मीना देवी ने पीरपैंती थाने में मामला दर्ज कराया था.
तांत्रिक के साथ मिलकर दी भतीजे की नरबलि
पीरपैंती स्थित हुजूर नगर पंचायत के विनोबा टोला के रहने वाले सिकंदर रविदास के 10 वर्षीय बेटे कन्हैया की उसके चाचा ने नरबलि दे दी थी. खुद की संतान नहीं होने से चाचा-चाची परेशान थे, इसके बाद उन्होंने तांत्रिक का सहारा लिया. चाचा शिवानंद रविदास को तांत्रिक ने कहा कि सिकंदर की पत्नी मीना देवी ने तुम्हारी पत्नी की कोख पलट दी है. अमावस्या की शाम में अगर उसके बेटे की बलि दे दोगे तो तुम्हारी पत्नी की गोद भर जाएगी. तांत्रिक के कहने पर चचेरे चाचा ने हैवानियत भरा कदम उठाया.
दीवाली की रात किया था अपहरण
आरोपी चाचा 27 अक्टूबर 2019 को दिवाली की रात अपने भतीजे को पेड़ा खिलाने के बहाने ले जाकर अपहरण कर लिया. अगले दिन सुबह घर के पास बाँसबिट्टी में बच्चे का क्षत विक्षत शव मिला. चाचा ने धारदार हथियार से 10 साल के कन्हैया की कलाई और गला को रेत दिया था, आरोपी ने बच्चे का पेट को भी फाड़ दिया था. घटना के बाद पुलिस ने चाचा शिवानंद रविदास और तांत्रिक विलास मंडल को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस हिरासत में आरोपी चाचा ने अपने जुर्म को कबूल कर लिया था. उसने कहा कि तांत्रिक के बहकावे में आकर दोनों ने मिलकर भतीजे कन्हैया की दिवाली की रात नरबलि दे दी थी.