प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एनडीए की संसदीय दल का लगातार तीसरी बार नेता चुना गया. पुराने संसद की सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में NDA के कई दलों के नेता शामिल हुए. इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बैठक को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा की संसदीय कमेटी की बैठक नहीं हुई पर NDA ने एक-तिहाई प्रधान मंत्री पहले ही नियुक्त कर दिया.
जयराम रमेश ने शुक्रवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा है कि यह बैठक इसलिए की गई क्योंकि नरेंद्र मोदी को विश्वास नहीं था कि भाजपा के चुने हुए सांसद उनको अपना नेता चुनेंगे या नहीं. खुद बहुत कम वोटों से जीते सांसद, नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत अनिश्चितता और बौखलाहट का यह सीधा प्रमाण है. उन्होंने भाजपा के सांसदों की ‘बाईपास सर्जरी’ कर दी है.
बैठक से पहले पूछे थे सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी से 4 सवाल किए थे जो आंध्र प्रदेश और बिहार से जुड़े थे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा था कि एक तिहाई प्रधानमंत्री से हमारे 4 सवाल 30 अप्रैल 2014 को पवित्र नगरी तिरुपति में आपने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा किया था. क्या वह वादा अब पूरा होगा? क्या आप विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण को अब रोकेंगे? क्या आप बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर अपने 2014 के चुनावी वादे और अपने सहयोगी नीतीश कुमार की दस साल पुरानी मांग को पूरा करेंगे? क्या आप बिहार के जैसा ही पूरे देश में जाति जनगणना करवाने का वादा करते हैं?.
एनडीए की बैठक में क्या हुआ
बैठक में एनडीए के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम मौजूद थे. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वागत भाषण दिया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा. गृह मंत्री अमित शाह ने इसका समर्थन किया. इस दौरान टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडु और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सभी नेताओं को संबोधित किया.