हिंदू धर्म में गंगा दशहरा के दिन का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं. गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने का बड़ महत्व है. गंगा सबसे पवित्र और शुभ माने जाने वाली नदी है. हिंदू धर्म में की गई कोई भी धार्मिक कार्य गंगा के शुभ जल के बिना अधूरा माना जाता है. गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने से हर तरप के पापों से मुक्ति मिलती है, इसलिए इस दिन एक साथ लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं. गंगा नदी में डुबकी से व्यक्ति के हर प्रकार के पाप धूल जाते हैं.
ऐसे में अगर आप भी गंगा दशहरा के दिन या किसी ओर दिन गंगा नदी में स्नान करने जा रहे हैं तो इस पवित्र नदी में नहाते समय कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह पाप का भागीदारी बन जाता है, जिसकी वजह से उसे दरिद्रता और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानें कि गंगा स्नान करते समय किन गलतियों को नहीं करना चाहिए.
गंगा नदी में नहाते समय न करें ये गलतियां
दोबारा न नहाएं- अगर आप गंगा नदी में एक बार नहा लिए हैं तो इसके बाद तुरंत कभी भी घर जाकर फिर से नहीं नहाना चाहिए. मान्यता के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है. साथ ही ऐसा करने से मां गंगा क्रोधित भी हो सकती हैं.
इतनी बार ही लगाएं डुबकी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गंगा नदी में नहाते समय केवल 7 बार ही डुबकी लगानी चाहिए. इससे अधिक या कम डुबकी लगाना आपके जीवन में दरिद्रता का कारण बन सकता है.
मल-मूत्र का त्याग न करें– गंगा में नहाते समय कभी भी मल-मूत्र का त्याग नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अपवित्र कपड़े पहनकर नदी में डुबकी न लगाएं. ऐसा करना अशुभ होता है जिससे व्यक्ति पाप का भागीदारी बन जाता है. ऐसा करना धार्मिक दृष्टि से ब्रह्म हत्या बराबर माना जाता है.
उतरे हुए कपड़े न धोएं- गंगा नदी में स्नान करने के बाद उसमें अपने ही उतरे हुए कपड़े धोने की कभी भी गलती ना करें. इससे व्यक्ति पाप का भागीदारी बना सकता है और साथ ही ऐसा करने आपके लिए अकाल मृत्यु का कारण भी बन सकता है.
साबुन का इस्तेमाल न करें- गंगा नदी में नहाते समय कभी भी साबुन का इस्तेमाल ना करें. शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करना अशुभ माना जाता है. गंगा नदी में केवल स्नान करना ही पुण्य माना जाता है.
कुल्ला आदि न करें- गंगा नदी में स्नान के समय कभी भी कुल्ला या फिर कोई कपड़ा नहीं धोना चाहिए. ऐसा करना पवित्र नदी का उपहास और अपमान माना जाता है. गंगा नदी को मां के समान पूजा जाता है, इसलिए ऐसा न करें वरना घर की सुख- समृद्धि भी जा सकती है.