बालाघाट। बालाघाट के हनुमान चौक के पास नए राम मंदिर के सामने तेजस ट्रक से टकरा गया। अनियंत्रित होने से तेजस ट्रक के पिछले चक्के की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
हनुमान चौक से प्रेम नगर अपने घर जा रहा था
तेजस के पिता रूपेश की कांता स्वीट्स के नाम से दुकान है। दोपहर करीब एक बजे तेजस स्कूटी क्रमांक- एमपी 50 एसबी 1590 से हनुमान चौक से प्रेम नगर अपने घर जा रहा था। इसी बीच ट्रक क्रमांक- सीजी 04 एनएम 9688 भी हनुमान चौक होते हुए रवाना हुआ।
दादा के साथ दुकान संभाली, घर जाते वक्त हादसा
तेजस के भाई जय धुवाव्या ने बताया कि कक्षा 12वीं का छात्र तेजस पढ़ाई में काफी होशियार था। वह रोज की तरह रविवार को दुकान में बैठा था। इस दौरान उसके दादा हसमुख धुवाव्या भी थे। जय ने बताया कि मेरे दुकान में आने के बाद तेजस स्कूटी से घर जा रहा था।
मुझे फोन आया कि तेजस का एक्सीडेंट हो गया
कुछ देर बाद मुझे फोन आया कि तेजस का एक्सीडेंट हो गया है। हादसे के बाद यातायात पुलिस ने अपने एंटरसेप्टर वाहन से ही मृतक को जिला अस्पताल भिजवाया। वहीं, अस्पताल पुलिस चौकी ने मर्ग कायम करने की कार्रवाई की।
भाग हो रहे चालक को दूसरे चौक पर पकड़ा
हादसे के बाद ट्रक चालक अब्दुल जब्बार पिता सत्तार उम्र-55 निवासी परसवाड़ा (बैहर) ने भीड़ से बचने के लिए ट्रक लेकर भागने का प्रयास किया, लेकिन इससे पहले कि वह आंबेडकर चौक पहुंचता, कुछ लोगों ने उसका पीछा करते हुए उसे धरदबोचा और पुलिस के हवाले किया।
ट्रक-स्कूटी जब्त कर कोतवाली में खड़े कराए
कोतवाली पुलिस ने घटना कारित करने वाले ट्रक और स्कूटी को जब्त कर कोतवाली में खड़ा करा दिया है। ट्रक कहां से आया था और कहां जा रहा था, इस संबंध में चालक से पूछताछ कर रही है। घटना के बाद धुवाव्या के परिवार में मातम पसरा हुआ है। तेजस की आकस्मिक मौत ने एक बार फिर शहर में यातायात व्यवस्था को लेकर होने वाले दावों पर सवाल खड़े किए हैं।
बल की कमी से जूझ रही यातायात पुलिस
सरेखा रेलवे ओवरब्रिज बनने के कारण सरेखा रेलवे फाटक से भारी वाहनों की आवाजाही पिछले कई महीनों से बंद है। ऐसे में गोंदिया या वारासिवनी की दिशा से आने वाले चार पहिया या भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं। शहर के अंदर सब्जी मंडी या किराना सामग्री की अनलोडिंग के लिए भारी वाहनों को प्रवेश दिया जाता है।
कमी से यातायात पुलिस लंबे समय से जूझ रही
रेलवे ओवरब्रिज के निर्माणाधीन होने से निश्चित ही शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी है, लेकिन इस व्यवस्था को संभालने की जरूरी बल की कमी यातायात पुलिस लंबे समय से जूझ रही है। शहर के कई महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान यातायात पुलिस नदारद रहती है। जानकारी के अनुसार, यातायात पुलिस में फिलहाल 40 कर्मी कार्यरत हैं, जबकि आवश्यकता इससे कहीं अधिक की है।