ब्रेकिंग
बावली कुएं की खुदाई में मिलीं 2 सुरंगें, भवन… तहखाने के मिलने की भी आशंका राहुल गांधी ने बाउंसर जैसा अटैक किया… अब कैसी है मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी की हालत, गिरिराज सिंह... जीवनभर मिलेगी राम मंदिर के मुख्य पुजारी को सैलरी, कभी था 100 रुपये वेतन… अब बढ़कर हुआ इतना दिल्ली में संदिग्ध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई, 175 की हुई पहचान, क्या होगा पुलिस का अगला एक्शन? सपा विधायक के बिगड़े बोल, बीजेपी को बताया ‘हिंदू आतंकवादी संगठन’ केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा? केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा? 24 को आंबेडकर सम्मान मार्च तो 27 को बेलगावी में बड़ी रैली… अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस का हमला जारी किसान को आत्महत्या से रोका… अब देना होगा बचाने में लगी पुलिस का खर्चा; मिला 10 लाख का नोटिस मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च

प्रदोष व्रत पर शिव-पार्वती की इस विधि से करें पूजा, घर में बनी रहेगी खुशहाली!

आषाढ़ का महीना इस साल कई संयोग लेकर आया है. बुध प्रदोष व्रत के साथ-साथ मासिक शिवरात्रि इसी महीने में है. तीन जुलाई को प्रदोष व्रत और चार जुलाई को मासिक शिवरात्रि पड़ने से एक खास संयोग का निर्माण हुआ है. प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है. हर महीने

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत के दौरान भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष का व्रत रखने से जीवन में सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ साथ ही घर में सुख शांति आती है. जो लोग प्रदोष व्रत को विधि विधान से करते हैं उनके ऊपर भगवान भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है.

पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी और 4 जुलाई को सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर खत्म होगी. प्रदोष काल के समय शिव पूजा होती है. इसलिए प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. प्रदोष काल समय शाम 07 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

ऐसे करें पूजा

  • प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें.
  • इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लें.
  • सबसे पहले मंदिर जाकर या फिर घर पर शिवलिंग की पूजा करें.
  • शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल, पंचामृत चढ़ाने के साथ बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, फल, गन्ना, आदि चढ़ाने के साथ भोग लगाएं और घी का दीपक जलाएं.
  • प्रदोष काल में शिव जी की पूजा आरंभ करें.
  • सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी यानी वेदी में साफ वस्त्र बिछाकर शिव जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें
  • भगवान को जल चढ़ाने के साथ फूल, माला, सफेद चंदन, अक्षत, बेलपत्र आदि चढ़ाने के साथ भोग लगाएं.
  • इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिव मंत्र, शिव चालीसा, प्रदोष व्रत कथा, मंत्र करके अंत में आरती कर लें.
  • फिर भूल चूक के लिए माफी मांगे. दिनभर व्रत रखने के बाद पारण के मुहूर्त पर व्रत खोलें.

प्रदोष व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दौरान श्रद्धा अनुसार, अन्न, धन और वस्त्र का दान करने से जातक का जीवन खुशहाल रहता है और घर में खुशियों का आगमन होता है. इस दिन पूजा के दौरान काल भैरव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संताप से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में खुशियों का आगमन होता है.

बावली कुएं की खुदाई में मिलीं 2 सुरंगें, भवन… तहखाने के मिलने की भी आशंका     |     राहुल गांधी ने बाउंसर जैसा अटैक किया… अब कैसी है मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी की हालत, गिरिराज सिंह ने बताया     |     जीवनभर मिलेगी राम मंदिर के मुख्य पुजारी को सैलरी, कभी था 100 रुपये वेतन… अब बढ़कर हुआ इतना     |     दिल्ली में संदिग्ध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई, 175 की हुई पहचान, क्या होगा पुलिस का अगला एक्शन?     |     सपा विधायक के बिगड़े बोल, बीजेपी को बताया ‘हिंदू आतंकवादी संगठन’     |     केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा?     |     केजरीवाल कभी नहीं बन सकते सीएम…कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने ऐसा क्यों कहा?     |     24 को आंबेडकर सम्मान मार्च तो 27 को बेलगावी में बड़ी रैली… अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस का हमला जारी     |     किसान को आत्महत्या से रोका… अब देना होगा बचाने में लगी पुलिस का खर्चा; मिला 10 लाख का नोटिस     |     मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च     |