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मध्यप्रदेश

पर्यावरण के प्रति समर्पण से विश्व को भी जोड़ रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

भोपाल ।   नर्मदा जयंती पर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिदिन पौधरोपण के संकल्प के दो साल पूरे हो जाएंगे। चौहान ने वर्ष 2021 में नर्मदा जयंती (19 फरवरी) पर प्रतिदिन पौधारोपण का संकल्प लिया था। वह स्वयं रोज पौधा रोपने के साथ ही दिन की शुरुआत करते हैं। यह धीरे-धीरे जन अभियान का रूप लेता जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिदिन काम करने वाले वह देश के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं। पौधारोपण के माध्यम से हरे-भरे मध्य प्रदेश का संदेश देते हुए शिवराज सरकार ने अंकुर अभियान का पोर्टल भी प्रारंभ किया है, जिससे 61 लाख से अधिक नागरिक जुड़े और पौधारोपण करने की जानकारी फोटो सहित दी। यह अभियान सतत जारी है।

देश-विदेश कहीं भी रहें, दिन की शुरुआत पौधारोपण के साथ

विशेष बात है कि शिवराज देश-विदेश कहीं रहें, दिन की शुरुआत पौधारोपण के साथ ही करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए उनका संकल्प अब कई देशों तक संदेश दे रहा है। इसकी झलक बीते दिनों इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस समारोह और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान भी देखने को मिली, जब विभिन्न देशों से आए मेहमानों ने ग्लोबल पार्क में एक साथ पौधारोपण किया। इस अभियान को पूरे प्रदेश का साथ मिल रहा है। अब लोग अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पौधारोपण को माध्यम बना रहे हैं। 28 जनवरी को नर्मदा जयंती पर इस संकल्प के दो वर्ष पूरे हो रहे हैं।

जहां देखभाल हो तो वहीं रोपते हैं पौधा

मिनट दर मिनट तय कार्यक्रमों, यात्राओं, चुनावी दौरों व कोरोना संकट काल में बेहद व्यस्त दिनचर्या के बावजूद चौहान रोज पौधारोपण कर रहे हैं। चाहे वे राजधानी भोपाल में हों, या दिल्ली या कहीं अन्य राज्य या शहर में। वह पौधा ऐसे सुरक्षित परिसर में रोपते हैं, जहां उसकी देखभाल की व्यवस्था हो सके। ऐसे पौधे ही चयन करते हैं, जो कम देखभाल में और कम वर्षों में पेड़ बन जाए। पौधे भी विशेषता वाले होते हैं, जैसे औषधीय में मौलसिरी, सप्तपर्णी, आकाश नीम आदि व आक्सीजन देने वाले गुलमोहर, बरगद, आम, अशोक, बादाम, पीपल, नीम, कदंब, चंदन, कचनार, फाइकस, रूद्राक्ष, बेलपत्र, विद्या, गूलर सहित अन्य। उन्होंने गुजरात, बंगाल और केरल दौरे में भी ये क्रम जारी रखा, जिसकी वहां चर्चा रही। दांडी यात्रा के 150 साल पूरे होने पर निकाली गई यात्रा के दौरान चौहान ने गुजरात के भरूच, मनन आश्रम में आम के पौधे रोपे। चुनावी दौरे में जब वह बंगाल, असम, केरल में तूफानी दौरे कर रहे थे, तब भी वक्त निकालकर सप्तकर्णी, नारियल, नीम, बरगद, पीपल सहित अन्य पौधे रोपे।

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