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हरियाली अमावस्या पर बन रहे 4 शुभ संयोग, करें ये उपाय मिलेगी पितृदोष से मुक्ति!

सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में यह अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण इसलिए माना जाता है कि क्योकि यह भगवान शिव का प्रिय माह होता है. इस दिन भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने के साथ पितरों का तर्पण और पिंडदान, स्नान दान का विशेष महत्व होता है. लेकिन इस बार की हरियाली अमावस्या और भी खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन लगभग 148 सालों बाद बेहद शुभ और दुर्लभ योग बन रहें हैं. इस दिन कुछ उपायों को करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.

हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya Shubh Muhurat)

हरियाली अमावस्या तिथि 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 04 अगस्त को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी.

बन रहें हैं यह शुभ योग

हरियाली तीज पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं. इनमें रवि पुष्य योग दोपहर 01 बजकर 29 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है. सिद्धि योग सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक है. वहीं, पुष्य नक्षत्र दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है.

हरियाली अमावस्या को लगाएं पेड़-पौधे

हरियाली अमावस्या का सावन के महीने में होने कारण चारों तरफ हरियाली ही नज़र आती है. इसी वजह से सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है. दिन आप सुबह में स्नान के बाद अपने ​पितरों के लिए तर्पण और दान करें. हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन शमी, आम, पीपल, बरगद, नीम जैसे छायादार पेड़ों को लगाना बहुत ही शुभ होता है.

पितरों के लिए जलाएं दीपक

मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितर अपने वंशजों से तृप्त होने के लिए धरती पर आते हैं. इसलिए सभी लोग अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए उनका तर्पण करते हैं. जब पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर अपने लोक को जाते हैं तो उनके रास्ते में अंधेरा न हो, इसलिए अमावस्या के दिन दीपक जलाते हैं. ऐसा करने से वे खुश होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं. हरियाली अमावस्या के दिन आप प्रदोष काल में अपने पितरों के लिए दीपक जला सकते हैं.4 अगस्त को शाम 07:10 मिनट पर सूर्यास्त होगा. इस दौरान आप दीपक जलाकर रख सकते हैं.

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