ब्रेकिंग
यूक्रेन का रूस पर 9/11 जैसा हमला, 6 इमारतों को बनाया ड्रोन से निशाना इन तरीकों से भी किया जा सकता है मेडिटेशन, शायद आप भी न जानते हों महाकाल मंदिर अन्नक्षेत्र में हादसा… आलू छीलने की मशीन में फंसा दुपट्टा, महिला कर्मचारी की मौत जिस कार में मिला 54 kg सोना और 9.83 करोड़ कैश, वह चेतन उर्फ चंदन ड्राइवर के नाम… यही है आरोपी सौरभ क... क्या सौरभ शर्मा ने कर दिया बड़ा खेल?... इनकम टैक्स तक प्लान के तहत पहुंचाई सोने से लदी कार की सूचना देवास में सिलेंडर ब्लास्ट, चार लोगों की दर्दनाक मौत, पति - पत्नी और दो बच्चों की गई जान टायर ब्लास्ट होने से अनियंत्रित हुआ ट्रक अंडे के ठेलों से टकराया, चालक सहित दो घायल चाइनीज मांझे की चपेट में आई 7 साल की बच्ची, दोनों पैर कटे, लगाने पड़े 44 टांके न कोहरा-न शीतलहर… क्रिसमस के एक दिन बाद बदलेगा दिल्ली का मौसम, पहाड़ों पर कब होगी बर्फबारी? दूध डेयरी में लगी आग, दूसरी मंजिल तक फैली… जिंदा जल गए पति-पत्नी और दो बच्चे

10 या 11 सितंबर कब है राधा अष्टमी, जानें इसके बिना क्यों अधूरा है जन्माष्टमी का व्रत?

हर साल जिस तरह श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. उसी तरह राधा अष्टमी का त्योहार भी देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन श्री राधा रानी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि राधा अष्टमी के बिना जन्माष्टमी का व्रत भी अधूरा होता है.

कब है राधा अष्टमी

राधा रानी के भक्तों के लिए राधा अष्टमी सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. राधा अष्टमी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 14 या 15 दिन बाद मनाई जाती है. हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर मंगलवार को रात 11 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 सितंबर बुधवार को रात 11 बजकर 46 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, राधा अष्टमी का पावन पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा.

राधाअष्टमी के बिना अधूरा है जन्माष्टमी व्रत

मान्यता है कि राधाअष्टमी के व्रत के बिना जन्माष्टमी का व्रत अधूरा माना जाता है. इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को वृषभानु की पत्नी कीर्ती ने राधा जी को जन्म दिया था. वृषभानु और उनकी पत्नी कीर्ती ने पिछले जन्म में कठोर तप किया था, जिसके प्रभाव से इनके घर में मां लक्ष्मी देवी राधा जी के रूप में प्रकट हुईं. इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के बिना राधा जी अधूरी हैं और राधा जी के बिना श्रीकृष्ण. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखता है, अगर वह राधा अष्टमी का व्रत नहीं रखता तो व्रत फल की प्राप्ति नहीं होती है.

राधाअष्टमी का महत्व

राधाअष्टमी का व्रत के से राधा रानी के श्री कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है. मान्यता है कि इस दिन राधा रानी की सच्चे मन से पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं. इसके अलावा व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य, लंबी आयु एवं सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

यूक्रेन का रूस पर 9/11 जैसा हमला, 6 इमारतों को बनाया ड्रोन से निशाना     |     इन तरीकों से भी किया जा सकता है मेडिटेशन, शायद आप भी न जानते हों     |     महाकाल मंदिर अन्नक्षेत्र में हादसा… आलू छीलने की मशीन में फंसा दुपट्टा, महिला कर्मचारी की मौत     |     जिस कार में मिला 54 kg सोना और 9.83 करोड़ कैश, वह चेतन उर्फ चंदन ड्राइवर के नाम… यही है आरोपी सौरभ का सबसे बड़ा राजदार     |     क्या सौरभ शर्मा ने कर दिया बड़ा खेल?… इनकम टैक्स तक प्लान के तहत पहुंचाई सोने से लदी कार की सूचना     |     देवास में सिलेंडर ब्लास्ट, चार लोगों की दर्दनाक मौत, पति – पत्नी और दो बच्चों की गई जान     |     टायर ब्लास्ट होने से अनियंत्रित हुआ ट्रक अंडे के ठेलों से टकराया, चालक सहित दो घायल     |     चाइनीज मांझे की चपेट में आई 7 साल की बच्ची, दोनों पैर कटे, लगाने पड़े 44 टांके     |     न कोहरा-न शीतलहर… क्रिसमस के एक दिन बाद बदलेगा दिल्ली का मौसम, पहाड़ों पर कब होगी बर्फबारी?     |     दूध डेयरी में लगी आग, दूसरी मंजिल तक फैली… जिंदा जल गए पति-पत्नी और दो बच्चे     |