IC 814: द कंधार हाईजैक: कौन हैं प्लेन उड़ाने वाले असली पायलट? सीरीज में जिनका किरदार विजय वर्मा ने निभाया
बॉलीवुड में बायोपिक और असली घटनाओं पर फिल्म और वेब सीरीज बनाने की होड़ लगी हुई है. बीते सालों में अलग-अलग घटनाओं और शख्सियतों की लाइफ पर कई फिल्में और सीरीज़ बनाई गई हैं. अब 1999 के कंधार प्लेन हाईजैक पर की घटना पर ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ सीरीज़ आई है. एक्टर विजय वर्मा की इस सीरीज को OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया है. ये सीरीज सच्ची घटना पर आधारित है और इसमें विजय वर्मा ने कैप्टन देवी शरण का किरदार निभाया है, जो इस प्लेन के हाईजैक के दौरान पायलट थे. आइए आपको उस प्लेन को उड़ाने वाली असली पायलट के बारे में बताते हैं.
24 दिसंबर 1999 की बात है. इंडियन एयरलाइंस का प्लेन IC-814, 176 पैसेंजर्स को लिए काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरता है. इस प्लेन के पायलट थे देवी शरण शर्मा, उस समय उनकी उम्र 37 साल थी. उड़ान भरते समय इस प्लेन को हाईजैक कर लिया जाता है.
नकाबपोश आतंकवादियों ने किया हाईजैक
इस प्लेन को पांच नकाबपोश आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. ये आतंकवादी प्लेन को अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार ले जाते हैं. ये भयानक घटना सात दिनों तक चली, जिससे ये विमान इतिहास में सबसे लंबे समय तक हाईजैक की घटनाओं में से एक बन गया.
पूरे 7 दिनों तक यात्रियों को बंधक बना कर रखा गया और इस दौरान प्लेन के अंदर यात्रियों का क्या हाल हुआ, उनके परिवार वालों पर क्या बीती, सरकार के सामने इन यात्रियों को छुड़ाने के लिए क्या शर्त रखी जाती है और कैसे कैप्टन देवी शरण अपनी बहादुरी से सारे यात्रियों को बचाने में सफल होते हैं, ये सब इस सीरीज में दिखाया गया है.
कैप्टन देवी शरण की बहादुरी
कैप्टन देवी शरण अपनी उड़ान पूरी करने के बाद प्लानिंग कर रहे थे कि वो क्रिसमस के बाद अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने जाएंगे. लेकिन वो ऐसी सिचुएशन में फंस जाते हैं जिसमें उन्हें बहादुरी से काम लेकर 176 यात्रियों को बचाना पड़ता है. कैप्टन ने अपनी सूझ-बूझ से बंधक यात्रियों का हौसला बढ़ाए रखा. देवी शरण ने ही विमान के यात्रियों को उस प्लेन के हाईजैक होने की खबर दी थी. भारी दबाव और इतने सारे लोगों की जान के खतरे के बावजूद, कैप्टन शरण ने पूरे समय खुद को शांत बनाए रखा. अपने बुलंद हौसले की वजह से वो सभी यात्रियों को सही सलामत अपने वतन तक पहुंचाने में कामयाब रहे.
क्रैश लैंडिग का किया नाटक
उनके लिए सबसे भयानक पलों में से एक पल तब था जब लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने शुरू में प्लेन को लैंड करने की परमिशन देने से इनकार कर दिया था. अपने कमाल की प्रेजेंस ऑफ माइंड का इस्तेमाल करते हुए कैप्टन शरण ने प्लेन को सही-सलामत उतारने की इजाजत लेने के लिए एटीसी पर दबाव बनाते हुए नाटक किया कि इस विमान की क्रैश लैंडिंग होने वाली है. उनके इस फैसले ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया था.
कैप्टन देवी शरण को इतने दबाव में उनकी बहादुरी और धैर्य के लिए भारत लौटने पर एक हीरो के रूप में सम्मानित किया गया. भारत सरकार, जनता और उनके परिवार वालों ने बड़ी जिम्मेदारी उठाते हुए 176 लोगों की जान बचाकर भारत लाने के लिए उनका स्वागत किया. कंधार प्लेन हाईजैक की घटना पर बनी वेब सीरीज दहशत भरी कहानी के बीच कैप्टन देवी शरण की बहादुरी, समझदारी और साहस का एक किस्सा ऐसा है.
फ्लाइट इनटू फियर और नेटफ्लिक्स सीरीज
कैप्टन शरण के प्लेन हाईजैक के दौरान उनके एक्सीपिरियंस को उनकी किताब फ्लाइट इनटू फियर में दर्ज किया गया है, जिसे उन्होंने श्रींजॉय चौधरी के साथ मिलकर लिखा है. इस किताब ने अनुभव सिन्हा की नेटफ्लिक्स सीरीज IC 814: द कंधार हाईजैक के लिए एक इन्सपीरेशन का काम किया. सीरीज में विजय वर्मा ने कैप्टन शरण का किरदार निभाया है, जिसमें सॉलिड एक्टिंग और सस्पेंस का तगड़ा डोज है.
विजय वर्मा ने अपने रोल पर बात करते हुए असली कैप्टन शरण के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कैसे कैप्टन की मुस्कान और सादगी ने उनपर गहरी छाप छोड़ी. देवी शरण ने मुझे अपनी गर्दन पर वो निशान भी दिखाया जो हाईजैकर्स की बंदूक से पड़ गया था. वर्मा ने कैप्टन की बहादुरी की तारीफ करते हुए उन्हें “रियल लाइफ हीरो” कहा और स्क्रीन पर उनका रोल करने के लिए बहुत रिस्पेक्ट जाहिर की.