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उत्तर कोरिया ने पहली बार दिखाई अपनी ताकत की तस्वीर, न्यूक्लियर वेपन इंस्टिट्यूट पहुंचे किम जोंग उन

उत्तर कोरिया ने पहली बार अपने न्यूक्लियर वेपन इंस्टिट्यूट की तस्वीरें जारी की है, इन तस्वीरों में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया की न्यूक्लियर फैसिलिटी का दौरा करते नज़र आ रहे हैं.तानाशाह किम ने न्यूक्लियर हथियारों को बढ़ाने के लिए और अधिक सेंट्रीफ्यूज का प्रोडक्शन करने को कहा है.
स्टेट मीडिया के मुताबिक किम ने इस यूरेनियम भंडार फैसिलिटी का दौरा किया और उन्होंने उत्तर कोरिया की आत्मरक्षा के लिए परमाणु हथियारों को तेजी से बढ़ाने के लिए सेंट्रीफ्यूज की संख्या को और बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
नॉर्थ कोरिया की स्टेट मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि किम जोंग उन ने इस क्षेत्र का दौरा किया और अपने परमाणु हथियारों की संख्या को तेज़ी से बढ़ाने के लिए मजबूत प्रयासों पर जोर दिया है. हालांकि यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह न्यूक्लियर फैसिलिटी उत्तर कोरिया के मुख्य योंगब्योन परमाणु परिसर में है या नहीं.

न्यूक्लियर फैसिलिटी का दौरा करते किम

KCNA के मुकाबिक किम जोंग उन न्यूक्लियर फैसिलिटी बेस के कंट्रोल रूम और प्रोडक्शन रूम में गए, जहां नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर हथियार बनाने की क्षमता का विस्तार कर रहा है. स्टेट मीडिया की ओर से जारी की गई तस्वीरों में तानाशाह किम जोंग उन को सीढ़ियों पर चढ़ते हुए देखा जा सकता है, इस तस्वीर में उनके पीछे सैकड़ों लंबी ग्रे ट्यूब एक कतार में रखी हुई नज़र आ रहीं हैं.

न्यूक्लियर फैसिलिटी का दौरा करते किम जोंग उन. (Image-AFP)

हालांकि KCNA ने यह नहीं बताया है कि किम ने यह दौरा कब और कहां किया है. KCNA ने बताया कि किम ने अधिकारियों को एक नए तरह के सेंट्रीफ्यूज के प्रोडक्शन को आगे बढ़ाने का आदेश दिया, जो अपने पूर्ण चरण में पहुंच गया है. किम ने कहा कि उत्तर कोरिया को अपनी आत्मरक्षा और पलटवार क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि अमेरिका और उसकी सहयोगी ताकतों का खतरा लगातार बढ़ रहा है और वह अपनी रेड लाइन को क्रॉस कर गया है.

2010 में अमेरिकी स्कॉलर्स को दिखाया था यूरेनियम भंडार

हालांकि उत्तर कोरिया ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर यूरेनियम भंडार फैसिलिटी की तस्वीरें जारी की है. इससे पहले साल 2010 में अमेरिकी स्कॉलर्स को योंगब्योन में एक न्यूक्लियर फैसिलिटी दिखाई थी. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया का यह प्रदर्शन अमेरिका और उसके सहयोगियों पर दबाव बनाने की कोशिश का हिस्सा है. आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि परमाणु हथियार संस्थान का दौरा कर किम ने उत्तर कोरिया के पास मौजूद परमाणु ऊर्जा की तकनीकी शक्ति पर संतुष्टि जताई है. इससे दुनिया के बाकी देश अंदाज़ा लगा सकते हैं कि उत्तर कोरिया के पास कितने न्यूक्लियर हथियार हो सकते हैं.
उत्तर कोरिया ने पहली बार नवंबर 2010 में बाहरी दुनिया को योंगब्योन में यूरेनियम भंडारण फैसिलिटी दिखाया था, तब उसने न्यूक्लियर भौतिकी वैज्ञानिक सिगफ्राइड हेकर के नेतृत्व में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स की एक टीम को अपने सेंट्रीफ्यूज का दौरा करने की मंजूरी दी थी. जानकारी के मुताबिक उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने तब कथित तौर पर हेकर को बताया कि योंगब्योन में 2,000 सेंट्रीफ्यूज पहले से ही स्थापित और चल रहे हैं. हाल के वर्षों में सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया अपने योंगब्योन परमाणु परिसर में यूरेनियम संवर्धन संयंत्र का विस्तार कर रहा था. परमाणु हथियार अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम या प्लूटोनियम का इस्तेमाल कर बनाए जाते हैं और उत्तर कोरिया के पास योंगब्योन में दोनों का उत्पादन करने की सुविधाएं हैं.
हालांकि फिलहाल यह साफ नहीं है कि योंगब्योन में कितना हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम या अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन किया गया है और उत्तर कोरिया इसका भंडारण कहां करता है. कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के विशेषज्ञ अंकित पांडा ने कहा कि, ‘यह तस्वीरें दुनियाभर के विश्लेषकों के लिए यह अनुमान लगाने में मदद करेंगी कि उत्तर कोरिया ने अब तक कितना परमाणु हथियार जमा कर रखा है.’

हर साल 6 से 18 परमाणु बम बनाने की क्षमता

साल 2018 में हेकर और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कॉलर्स ने अनुमान लगाया कि उत्तर कोरिया की अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम लिस्ट 250 से 500 किलोग्राम थी, जो 25 से 30 न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए पर्याप्त थी. कुछ अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्तर कोरिया गुप्त रूप से कम से कम एक अन्य यूरेनियम-संवर्धन संयंत्र चला रहा है. 2018 में, दक्षिण कोरिया के एक शीर्ष अधिकारी ने संसद को बताया कि अनुमान है कि उत्तर कोरिया ने पहले ही 60 परमाणु हथियार बना लिए हैं. एक अनुमान के मुताबिक उत्तर कोरिया हर साल 6 से लेकर 18 परमाणु बम का प्रोडक्शन करने की क्षमता रखता है.

अमेरिका-साउथ कोरिया के खिलाफ बड़ी तैयारी?

साल 2022 से उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को टारगेट करने वाले न्यूक्लियर मिसाइलों का विस्तार और आधुनिकीकरण करने के लिए हथियार परीक्षण गतिविधियों को तेजी से बढ़ाया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर कोरिया नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले परमाणु परीक्षण विस्फोट या लंबी दूरी की मिसाइल परीक्षण कर सकता है, जिसका मकसद अमेरिका के सामने अपनी ताकत का दिखावा करना हो सकता है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया था.

 

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: वो 7 सवाल, जिनके जवाब मिलने अभी बाकी     |     जान्हवी कपूर या खुशी कपूर, दोनों बहनों में से किसका बॉयफ्रेंड है ज्यादा अमीर?     |     बच्ची की बलि, सीना चीरकर निकाला दिल, बिना कपड़ों में तंत्र पूजा; सिद्धी पाने के लिए कातिल बनी मां     |     देश को आजादी दिलाने में सिर्फ एक पार्टी या एक परिवार नहीं, आदिवासी समाज का भी बड़ा योगदान: PM मोदी     |     दिल्ली में अमित शाह ने किया बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण, वजन 3 हजार kg     |     महाराष्ट्रः औरंगाबाद की 2 सीटों पर जीत को लेकर ऐसे ही कॉन्फिडेंट नहीं हैं ओवैसी, 5 महीने पहले ही मिल गए थे संकेत     |     पप्पू यादव को धमकी देने का मामला निकला फर्जी, किसी और को फंसाने के लिए रची साजिश     |     इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. जेवर एयरपोर्ट का 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार है. जेवर एयरपोर्ट का एक टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी टावर लगभग तैयार हो गया है. जेवर एयरपोर्ट पर पिछले दिनों कई विमान रनवे के ऊपर से होते हुए गुजरे भी हैं. टर्मिनल फिनिशिंग का चल रहा है काम जेवर एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग में फिनिशिंग का काम चल रहा है. जेवर एयरपोर्ट पर घने कोहरे विमानों को लैंड कराने के लिए तैयारी की जा रही है. जेवर एयरपोर्ट पर कैट एक और कैट तीन उपकरण स्थापित हो चुके हैं. जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं. इस एयरपोर्ट पर टिकट की बुकिंग फरवरी 2025 से शुरू हो जाएगी. इस एयरपोर्ट पर संचालन का काम भी 2025 से ही शुरू होगा.     |     नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग टेस्टिंग टली, जानें अब कितना करना पड़ेगा इंतजार?     |     ‘हिंदू विरोधियों के साथ रहे अजित’, मतदान से ठीक पहले क्यों ‘बंट’ गए फडणवीस और पवार?     |