हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस के भीतर गुटबाजी शब्द सुर्खियों में है. कहा जा रहा है कि नेताओं ने गुटों की राजनीति छोड़ अगर कांग्रेस के लिए काम किया होता तो राज्य में पार्टी की सरकार होती. हालांकि, कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और उसकी वजह से हार नई बात नहीं है. यूपी से लेकर राजस्थान तक और कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक पार्टी के भीतर गुटबाजी चरम पर है.
कांग्रेस के भीतर गुटबाजी की यह स्थिति तब बनी हुई है, जब कई मौकों पर खुले मंच से पार्टी हाईकमान इसे खत्म करने की बात कह चुका है. 2022 में उदयपुर के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने कहा था कि अब त्याग का वक्त है और नेता अपना हित छोड़ सिर्फ कांग्रेस के लिए काम करें. दिलचस्प बात है कि सोनिया की यह अपील राजस्थान में ही अमल में नहीं आ पाया.
कितने गुटों में बंटी है कांग्रेस, राज्यवार आंकड़े
1. शुरुआत कश्मीर से- घाटी में कांग्रेस 3 घड़ों में बंटी हुई है. एक गुट वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष हामिद कर्रा का है. दूसरा गुट विकार रसूल वानी और तीसरा गुट गुलाम अहमद मीर का है. जम्मू कश्मीर में गुटबाजी की वजह से कांग्रेस बुरी तरह हारी है. उसे सिर्फ 37 में से सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली है.
2. महाराष्ट्र में हाल बेहाल- महाराष्ट्र में कांग्रेस 4 गुटों में बंटी हुई है. एक गुट वर्तमान अध्यक्ष नाना पटोले का है. दूसरे गुट का नेतृत्व बाला साहेब थोराट कर रहे हैं. वर्षा गायकवाड़ का भी एक धड़ा अलग है. इसी तरह नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार का भी गुट कांग्रेस के भीतर सक्रिय है. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं.
3. मध्य प्रदेश में भी 4 गुट- मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस 4 गुटों में बंटी हुई है. पहला गुट कमलनाथ का है. इसी तरह दूसरा गुट दिग्विजय सिंह का है. एक गुट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और अजय सिंह का है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के भी समर्थक एक अलग गुट बनाकर ही चल रहे हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और भक्तचरण दास गुटों में बंटी हुई है.
4. राजस्थान में 3 गुट हावी- राजस्थान में 3 गुट अभी हावी है. एक गुट का प्रतिनिधित्व अशोक गहलोत कर रहे हैं. इस गुट में शांति धारीवाल जैसे नेता शामिल हैं. दूसरे गुट का लीडर सचिन पायलट हैं, जिसमें नए और युवा नेता शामिल हैं. एक गुट भंवर जितेंद्र सिंह का है. इस गुट में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शामिल हैं.
5. पंजाब में भी कई गुट- पंजाब में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजा वड़िंग, पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू में बंटी हुई है. सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत कई नेता हाईकमान समर्थक हैं और किसी भी गुट में शामिल नहीं हैं. 2017 से 2022 तक यहां पर अमरिंदर और नवजोत गुट था.
6. बिहार और झारखंड में भी गुटबाजी- बिहार में कांग्रेस लंबे वक्त से सरकार में नहीं है, लेकिन यहां भी गुटबाजी हावी है. बिहार में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, तारिक अनवर, मदन मोहन झा, मीरा कुमार के गुटों में बंटी हुई है.
झारखंड में कांग्रेस सरकार में है और यहां पर भी पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है. एक गुट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का है. दूसरा गुट मंत्री रामेश्वर ओरांव का. मंत्री दीपिका पांडे जैसे कई नेता हाईकमान की तरफ से है.
7. हरियाणा और हिमाचल में 2-2 गुट- हरियाणा में कांग्रेस भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा गुटों में बंटी हुई है. सैलजा गुट में रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव जैसे नेता शामिल हैं. वहीं हुड्डा गुट में चौधरी उदयभान और वरुण चौधरी जैसे दिग्गज हैं. हरियाणा के पड़ोसी हिमाचल में भी कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है. हिमाचल में सुक्खविंदर सुक्खू और प्रतिभा गुट कांग्रेस के भीतर हावी है.
8. असम-बंगाल का भी हाल जानिए- असम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा, लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और देवव्रत साकिया गुटों में बंटी हुई है. पार्टी के अधिकांश नेता इन्हीं गुटों में शामिल हैं.
बंगाल में अधीर रंजन चौधरी का अलग गुट है. अधीर के गुट में मुर्शिदाबाद और मालदा के नेता शामिल हैं. एक गुट दीपा दासमुंशी की है, जिसमें वे नेता शामिल हैं, जो पहले प्रियरंजन दासमुंशी के साथ राजनीति करते थे.
9. उत्तराखंड में भी गुटबाजी चरम पर– पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी कांग्रेस के भीतर गुटबाजी चरम पर है. यहां पर पूर्व सीएम हरीश रावत, करण महारा, गणेश गोदियाल गुट कांग्रेस में हावी है.
10. कर्नाटक और तेलंगाना भी गुटबाजी- कांग्रेस तेलंगाना और कर्नाटक की सत्ता में है. इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस में गुटबाजी है. कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार गुट हावी है. इन दोनों गुटों के अलावा एक गुट मल्लिकार्जुन खरगे के समर्थकों का भी है.
तेलंगाना में कांग्रेस रेवंत रेड्डी, एन उत्तम रेड्डी और डिप्टी सीएम एम भट्टी विक्रम्रका गुटों में बंटी हुई है. वर्तमान अध्यक्ष महेश गौड़ इसी गुट के नेता हैं.
11. राजधानी दिल्ली में कितने गुट?-राजधानी दिल्ली में एक गुट देवेंद्र यादव का है. कोषाध्यक्ष अजय माकन का भी गुट दिल्ली में कांग्रेस की सियासत पर हावी है. एक गुट पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का भी है. हालांकि, दीक्षित गुट अभी काफी कमजोर स्थिति में है.
12. यूपी में सीट 2 पर गुट 3- यूपी विधानसभा में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 सीटें हैं, लेकिन यहां पर 3 गुट काफी सक्रिय स्थिति में है. एक गुट वर्तमान अध्यक्ष अजय राय का है. दूसरा गुट पीएल पुनिया और तीसरा गुट प्रमोद तिवारी का है. पुनिया और तिवारी गुट का हाईकमान पर सीधा दबदबा भी है. दोनों ही नेता राष्ट्रीय स्तर के हैं.
13. गुजरात में भी गुटबाजी- गुजरात में भी कांग्रेस भरत सिंह सोलंकी, शक्ति सिंह गोहिल और अन्य नेताओं के गुटों में बंटी हुई है. कांग्रेस के भीतर यह गुटबाजी तब है, जब पार्टी पिछले 30 साल से सत्ता से बाहर है.
14. केरल में कितने गुट?- केरल में कांग्रेस करीब 3 गुटों में बंटी हुई है. एक गुट को रमेश चेन्निथला लीड करते हैं. दूसरा गुट प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरण का है. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल इसी राज्य से आते हैं.